छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा…- भारत संपर्क
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी द्वारा 21 फरवरी को टिकरापारा स्थित बंग भवन में अपनी 227वीं मासिक साहित्य सभा के साथ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थागत गीत “आमार भाषा तोमार भाषा” से हुई। इसके बाद प्रतीकात्मक मातृभाषा शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और समवेत रूप से “आमार भाइयेर रक्ते रांगानो” गीत गाया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. गोपाल चंद्र मुखर्जी ने मातृभाषा दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “मा, मातृभूमि और मातृभाषा—ये तीनों हमारे जीवन में सबसे अधिक सम्मानित होते हैं।” उन्होंने बताया कि 21 फरवरी को पूरे विश्व में मातृभाषा दिवस विभिन्न भाषाओं के सम्मान और उनके संरक्षण के उद्देश्य से मनाया जाता है।
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गौरवपूर्ण सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम में श्री आर. एन. चटर्जी को श्रीमती नमिता घोष और श्रीमती मौसमी चक्रवर्ती को असित बरन दास द्वारा “छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी सम्मान” से सम्मानित किया गया। उन्हें मोमेंटो, सर्टिफिकेट और गुलदस्ते प्रदान किए गए।
संगीत एवं नाट्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी मनोरंजक बनाया। गीति आलेख्य “21 एर डाक” का भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण हुआ, जिसमें कई गायकों ने स्वर दिया। तबला संगत जय डे ने की। कविता पाठ में रूपा राहा, अशोक कुण्डु, डॉ. सोमा लाहिड़ी मल्लिक और नन्हे बालक आयुष प्रामाणिक ने भाग लिया।
नाटक “बाइरे छाड़ा” का लेखन एवं निर्देशन असित बरन दास ने किया। अभिनय में असित बरन दास, पार्थ बोस, प्रबल मुखर्जी, प्रतिमा पाल एवं उमा दास शामिल रहे। वहीं, श्रुति नाटक “आमाके बांगला टा ठीक आसेना” का लेखन एवं निर्देशन डॉ. सोमनाथ मुखर्जी ने किया, जिसमें अनुराधा मुखर्जी और डॉ. सोमनाथ मुखर्जी ने अभिनय किया।
बिलासपुर में भाषा संस्कृति का संवाहक बना छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी
मुख्य अतिथि श्री मानवेन्द्र नाथ चटर्जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी बिलासपुर में एकमात्र संस्था है जो हर वर्ष निष्ठा और समर्पण के साथ मातृभाषा दिवस मनाती आ रही है।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. सोमनाथ मुखर्जी ने किया, जबकि आयोजन का सम्पूर्ण प्रबंधन श्री प्रबल मुखर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गोपाल चंद्र मुखर्जी ने किया।
इस अवसर पर रीता कर्मकार, मौमिता चक्रवर्ती, उमा दास, अशोक कुमार कुंडू, अचिंत कुमार बोस सहित बड़ी संख्या में सदस्य एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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