विवाद के बाद अकलतरा नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी…- भारत संपर्क
आशीष
अकलतरा-नगर पालिका के विवादास्पद मुख्य नगर पालिका अधिकारी सौरभ तिवारी एवं उपयंत्री साहू गोपनीय तरीके से शक्ति एवं मल्हार के लिए कार्य मुक्त हो गये। सर्वाधिक रोचक तथ्य यह रहा कि इनके द्वारा किसे प्रभार दिया गया है इसको लेकर नगर पालिका में गहमागहमी बनी रही। बताया जाता है कि अपने कार्य के दौरान इनके द्वारा की गई अनियमितता की जानकारी भी परत-दर-परत खुल रही है तथा जांच की मांग की जा रही है।
जेम पोर्टल घोटाला
जेम पोर्टल के माध्यम से दस सीटर वाले चलित बायो शौचालय की लगभग पच्चीस लाख रुपये में खरीदी की गई है जिसमें ऊपरी सतह पर रंग रोगन दिख रहा है किन्तु उसमें लगाए गए टायर अलग-अलग चक्को पर जेके, अपोलो एवं सीएट कपनी के रिमोल्डिंग टायर लगाये गये है जिसको देखने से ही उसके नये होने पर संदेह खडा हो रहा है किन्तु मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री ने इसे देखने की जरुरत महसूस नहीं की और भूगतान कर दिया। आज नगर पालिका में कुछ पार्षद भूगतान की गई पार्षद निधि की राशि से खरीदे गये सामान को देखने पहुंचे तो एक भी सामान कार्यालय में नहीं मिला इस संबंध में उपयंत्री से मोबाइल पर पुछा गया तो वे गोल-मोल जवाब देते रहे।
नगर पालिका के भव्य कार्यालय में क्रय की गई सामग्री को रखने के लिए पर्याप्त जगह होने के बावजूद सामानो की फर्जी खरीदी दिखाने के लिएमुख्य नगर पालिका अधिकारी सौरभ तिवारी अपने घर में ही स्टोर बनाकर रखे रहे जिससे कागजी कार्यवाही पर कोई उंगली नहीं उठा सके इतना ही नहीं जेम पोर्टल पर सामाग्री आपुर्ति के लिए आवेदन करने वाले ठेकेदारो के साथ पक्षपात कर अपने चहेते ठेकेदारो को स्वयं के लाभ के लिए उपकृत किया गया।
परिषद की उपेक्षा
मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा चुने हुए जन प्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा की गई 19 माह के कार्यकाल में सामान्य सभा की मात्र 2 बैठके आयोजित की गई अध्यक्ष से मिलीभगत कर पीआईसी के माध्यम से कार्य की स्वीकृति कराकर नगर पालिका को क्षति पहुंचाने का कार्य किया गया इतना ही नहीं प्लेसमेंट की वार्षिक निविदा जो कि एक करोड़ रुपये से अधिक की थी उसे पूर्व स्वीकृत दर से अधिक दर पर कई माह पूर्व परिषद की पुष्टि की प्रत्यासा में स्वीकृत कर लगातार भूगतान किया जा रहा है। किन्तु उसकी स्वीकृति आज तक नहीं ली गई है परिषद की बैठक नहीं होने के कारण भवन भूमि नामान्तरण, वृद्धावस्था पेंशन, परिवार सहायता राशि भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र सहित कई महत्वपूर्ण कार्य लम्बित है जिससे जनमानस में असंतोष व्याप्त है शासन द्वारा 60 दिनों के भीतर सामान्य सभा का बैठक बुलाये जाने का प्रावधान है किन्तु इस पर आज तक अमल नहीं किया गया है। वैसे भी अध्यक्ष की तानाशाही के चलते 5 वर्षों में 30 बैठके के स्थान पर केवल 9, बैठके ही हो पाई। नगर पालिका उपाध्यक्ष दिवाकरण राणा के नेतृत्व में 13 पार्षदों ने 19 नवम्बर को परिषद की बैठक बुलाने के लिए आवेदन दिया था किन्तु इसकी भी उपेक्षा कर आज तक
बैठक नहीं बुलाई गई।
ठेकेदारो में असंतोष
मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा निविदा क्रमांक 161138 एवं 161140 के अंतर्गत निविदा बुलाई गई थी जिसमें पाईप लाईन बिछाने का कार्य लागत 63.47 एवं 62.24 लाख रुपये है जिसमें निविदा राशि का अस्सी प्रतिशत लगभग 50.77 लाख रुपये तथा 60-60 प्रतिशत लगभग 38-38 लाख रुपये के दो-दो कार्य का पूर्ण
अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया जिसमें एक भी निविदाकार पात्र नहीं
था किन्तु केवल निलेश केडिया, रमेश पालिवाल, कान्हा अग्रवाल, श्रीराम कंसट्रक्शन, इमरान खान, अमित सिंह बैस, शैलेन्द्र सिंह बनाफर को अपात्र कर अन्य दो की निविदा खोली गई जो समझ से परे है जिससे निकाय के द्वारा पक्षपात और शासन के नियमो का उलंघन स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ठेकेदारो ने शासन प्रशासन के जिममेदार अधिकारियों से इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है तथा जांच नहीं, होने की स्थिति में न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी सौरभ तिवारी एवं उपयंत्री भुवनेश साहू द्वारा बिना किसी को प्रभार सौंपे स्वयं से कार्य मुक्त होने के संबंध में संयुक्त संचालक बिलासपुर राकेश जायसवाल के मोबाइल पर कॉल करने पर उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया तथा जवाब में टेक्ट मैसेज देने के लिए कहा गया मैसेज के माध्यम से उनसे जवाब चाहा गया तो उन्होंने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।
वर्जन
बायो शौचालय में रिमोल्डिंग टायर एवं गुणवत्ता को मैंने नहीं देखा है तथा पार्षद निधि से खरीदी गई सामाग्री की फोटो लगाने के लिए स्टॉक पंजी का संधारण करने वाले को कहकर भरोसे में बिल भूगतान की स्वीकृति दी।
भुवनेश साहू उपयंत्री
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