बालको, जिला मुख्यालय और शहर आने नाला पार करने की मजबूरी,…- भारत संपर्क
बालको, जिला मुख्यालय और शहर आने नाला पार करने की मजबूरी, संगमनगर बेलाकछार के नाला में पुल निर्माण की है जरूरत
कोरबा। विकासखंड कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत दोंदरो के आश्रित ग्राम संगमनगर बेलाकछार के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां मौजूद नाला को पार कर बच्चे स्कूल आना-जाना करते हैं, वहीं ग्रामीण अपनी आवश्यक कार्यों व सामानों की खरीदी करने उक्त नाला को पार कर बालको व जिला मुख्यालय व शहर आना-जाना करते हैं। बारिश के मौसम में नाला में पानी अधिक होने से ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। जान जोखिम में डालकर लोग नाला पार कर आना-जाना करते हैं।
ग्राम पंचायत दोंदरो के आश्रित गांव संगमनगर बेलाकछार में नाला में पुल निर्माण नहीं होने और गांव में सीसी रोड नहीं बनाए जाने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन से सड़क एवं पुल निर्माण कराने की मांग की जा चुकी है लेकिन इस ओर कोई पहल नहीं किए जाने से ग्रामीण काफी परेशान हैं। गांव की सड़क को सीसी रोड़ नहीं बनाए जाने से छात्र-छात्राओं, आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के साथ-साथ आम लोगों को कीचड़युक्त सड़क से आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है। उबड़-खाबड़ रास्ते व नाला पार कर अस्पताल जाना पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाते हैं जिससे कई बार जच्चा-बच्चा को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। शासन द्वारा गांव-गांव तक विकास की गंगा बहाने की बात तो कही जाती है लेकिन विकास धरातल पर नजर नहीं आती। कोरबा जिले के ऐसे कई गांव हैं जहां के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों द्वारा वर्षों से उक्त नाले पर पुल निर्माण की मांग की जाती रही है लेकिन इस ओर न तो जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है। इससे लोगों की समस्याएं यथावत बनी हुई है। वहीं गांव में सीसी रोड नहीं बनाए जाने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। बारिश के मौसम में गांव की गलियां कीचड़ में तब्दील हो गई हैं। कीचड़युक्त क रास्तों से होकर स्कूली बच्चों को आवागमन करना पड़ रहा है। इससे उनके कपड़े प्रतिदिन कीचड़ के छीटों से गंदे हो रहे हैं, वहीं साइकिल व दोपहिया चालक वाहनों के फिसलने से अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।