चीन ने बीजिंग में बैठे बैठे फोड़ दिया ऐसा रॉकेट कि बढ़ गई फिलिस्तीन की ताकत | hamas… – भारत संपर्क


फतह और हमास लीडर/AFP
चीन के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा है कि फिलिस्तीन के दो प्रतिद्वंदी संगठन हमास और फतह ने आपसी मतभेद सुलझाने के लिए राजधानी बीजिंग में मुलाकात की है. चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता लिन जिआन ने मंगलवार को जानकारी दी कि PLO और इस्लामिक रेसिस्टेंस मूवमेंट का डेलीगेशन चीन में मिला है.
लिन जिआन ने बताया कि दोनों ही संगठनों ने बातचीत और कूटनीतिक रास्ते अपनाते हुए आपसी मतभेद दूर करने पर सहमती जाहिर की है. इसके अलावा इस बैठक में आजाद फिलिस्तीन राष्ट्र हासिल करने और उसमें सरकार चलाने को लेकर चर्चा हुई है. हालांकि, बयान में ये नहीं बताया गया है कि दोनों पक्ष कब मिले थे.
हमास और फतह
फतह (PLO) वेस्टबैंक में सीमित सरकार चलाता है. फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री महमूद अब्बास फतह संगठन से ही आते हैं. समुद्री तट की तरफ बसे गाजा में हमास की सरकार है. 2006 के गाजा इलेक्शन में फतह की हार के बाद हमास ने गाजा में अपनी सरकार बना ली थी, तब से आज तक गाजा में हमास का शासन कायम है.
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हमास और फतह के बीच सरकार चलाने और लोगों का प्रतिनिधित्व करने को लेकर दशकों से संघर्ष रहा है. हमास और फतह दोनों ही फिलिस्तीन के हितों के लिए लड़ाई लड़ने की बात करते हैं. लेकिन हमास हमेशा से आजादी की लड़ाई आक्रामक तरीके से लड़ता आया है, वहीं फतह कूटनीतिक ढंग और बिना बल संघर्ष के फिलिस्तीनी लोगों की आवाज उठाने की हिमायत करता है. UN फतह (PLO) को फिलिस्तीनी लोगों का सोल रिप्रजेंटेटिव मानता है और इसके प्रतिनिधि ही UN की सभाओं और बैठकों में फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करते हैं.
चीन में क्यों हुई बैठक?
चीन का इस विवाद के बीच में आना एक नई बात है, लेकिन चीन ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति रखता आया है और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को निपटाने के लिए टू-स्टेट फॉर्मूले का समर्थक रहा है. गाजा में 6 महीनों से चल रही इज़राइल हमास की लड़ाई की शुरुआत से ही बीजिंग तत्काल युद्धविराम का आह्वान कर रहा है.