बड़े हमले की साजिश रच रहा चीन, ताइवान ने भी शुरू की तैयारी |… – भारत संपर्क


शी जिनपिंग और जोसेफ वू.
चीन आश्चर्यजनक हमले की योजना बना रहा है. इसको देखते हुए ताइवान ने भी युद्ध के लिए हथियार जमा करने शुरू कर दिए हैं. चीन ताइवान पर अपनी अधिकतम क्षमता से दबाव डालने की कोशिश कर रहा है. ये दावा ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वीप को किसी भी समर्थन से काटने के लिए समुद्री नाकेबंदी का उपयोग करने की योजना बना रहा है. इससे अंततः जब उनकी सैन्य आपूर्ति कम हो जाएगी तो उन्हें मजबूर होना पड़ेगा.
ब्रिटिश सैन्य थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के सुरक्षा विश्लेषकों ने कहा है कि बीजिंग ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में उड़ानें बढ़ा रहा है. अमेरिकी खुफिया विभाग का अनुमान है कि शी ने चीन की सेना को 2027 तक ताइवान पर कब्जा करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी आशंका है कि एक गलतफहमी से अनियंत्रित तनाव बढ़ सकता है. इससे क्षेत्र में पूरी तरह से युद्ध हो सकता है. विदेश मंत्री इन गंभीर संभावनाओं से अवगत हैं.
‘ताइवान के खिलाफ साइबर युद्ध छेड़ रहा है’
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ताइवान की जल्द से जल्द मदद करने का आह्वान किया है. कहा जाता है कि ताइवान पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए चीन लगातार गुप्त साइबर युद्ध छेड़ रहा है. बीजिंग लंबे समय से ताइवान को अपनी साइबर युद्ध क्षमताओं के परीक्षण स्थल के रूप में उपयोग कर रहा है, लेकिन हमले अभूतपूर्व दर से बढ़ रहे हैं. ताइवानी संसद सदस्य वांग टिंग-यू के अनुसार, द्वीप पर हर दिन 20 मिलियन साइबर हमले होते हैं और उनमें से अधिकांश के लिए चीनी हैकर जिम्मेदार हैं.
‘वो जनता को हतोत्साहित करना चाहते हैं’
नवंबर में ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा था कि द्वीप बढ़ती सैन्य धमकी, ग्रे-ज़ोन अभियान, साइबर हमलों और सूचना हेरफेर का सामना कर रहा है. अटलांटिक काउंसिल में ग्लोबल चाइना हब के सहायक निदेशक किट्स येन-फैन ने चेतावनी दी कि हम पहले से ही युद्ध में हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें चीन के लिए अपने अंतिम ऑपरेशन के लिए मार्ग प्रशस्त करने का एक तरीका है. वो जनता की राय को प्रभावित करना चाहते हैं, जनता को हतोत्साहित करना चाहते हैं, ताकि उनके अंतिम अधिग्रहण को इतना आसान बनाया जा सके.
‘हमारी सैन्य क्षमता काफी मजबूत हुई है’
ताइवान अपनी रक्षा करने के लिए वार्षिक रक्षा खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि कर रही है और अब यह लगभग $20 बिलियन (£16 बिलियन) हो गया है. ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा, हमारी सैन्य क्षमता आठ साल पहले की तुलना में काफी मजबूत हुई है. हमने सैन्य क्षमता में जो निवेश किया है वह अभूतपूर्व है लेकिन चीन के सैन्य खर्च के आगे यह कुछ नहीं है, क्योंकि यह 175 बिलियन पाउंड है. चीन पहले से ही युद्ध के लिए तैयारी कर रहे 20 लाख से अधिक सैनिकों का दावा करता है, जो उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना बनाता है जबकि ताइवान में केवल 169,000 सक्रिय लड़ाके हैं.
ताइवान का लक्ष्य 2024 के मध्य तक 3,200 से अधिक सैन्य ड्रोन का उत्पादन करना है, जिसमें छोटी दूरी के वेरिएंट से लेकर 150 किलोमीटर की दूरी के निगरानी ड्रोन तक शामिल हैं. इसकी तुलना में चीन के पास 50 से अधिक प्रकार के घातक ड्रोनों का अद्भुत शस्त्रागार है. मंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि अगर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चली तो ताइवान एकमात्र देश नहीं होगा, जो चीनी आक्रामकता का सामना करेगा. चीनी उत्पीड़न के कारण किसी भी पड़ोसी देश को खतरा हो सकता है, खासकर फिलीपींस को.