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भारतीय सेना
पूर्वी लद्दाख में 2 जनवरी को पेट्रोलिंग पॉइंट (35-36) के दौरान चीनी जवानों और भारतीय चरवाहों के साथ नोकझोंक के मामले में विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सधी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हमने भी ऐसा एक वीडियो देखा है. इस मसले पर संबंधित एजेंसियां इसका जवाब दे सकेंगी. लेकिन इतना साफ है कि दोनों देशों के लोगों को अपने चारागाह वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी है. लेकिन अगर नियंत्रण रेखा पर ऐसी खटपट होती है तो हम बातचीत के लिए तय प्लेटफॉर्म पर उसकी चर्चा करेंगे और उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे.
2 जनवरी को पेट्रोलिंग प्वाइंट पर क्या हुआ था?
पूर्वी लद्दाख के पेट्रोलिंग प्वाइंट 35 और 36 के पास 2 जनवरी को भारतीय चरवाहों को चीनी सैनिकों ने रोकने की कोशिश की थी. चीनी सैनिकों ने उनसे वहां पशुओं को नहीं चराने को कहा. इस पर भारतीय चरवाहों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब देते हुए कहा था कि ये भारत की जमीन है और वो यहीं पर अपने मवेशियों को चारा चराएंगे. इस नोकझोंक के दौरान भारतीय जवानों ने चरवाहों की मदद की. इस तरह भारतीय चरवाहों ने चीनी सैनिकों की हेकड़ी निकाल दी. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है. जिसमें भारतीय चरवाहे चीनी सैनिकों से बातचीत करते दिख रहे हैं. मीडिया में खबर आने के बाद सेना ने कहा है कि सीमा पर ऐसी घटनाएं आम हैं. ऐसे मामलों को उचित तरीके से निपटाया जाता है.
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गलवान में हुआ था चीनी सैनिकों से संघर्ष
पूर्वी लद्दाख के गलवान इलाके में 16 जून 2020 को भारत और चीनी सैनिकों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ था. इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे. इसके बाद से इस इलाके में तनाव की स्थिति बनी रहती है. यही वजह है कि यहां भारत ने बड़ी संख्या में सेना की तैनाती की है. लेकिन भारत ने कहा है कि वह पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के किसी भी हरकत से निपटने के लिए तैयार है.