चीन मालदीव बना रहे रणनीति, ड्रैगन से मिलेगी मुफ्त सैन्य सहायता | China-Maldives are… – भारत संपर्क


मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने उप निदेशक मेजर जनरल झांग बाओकुन से मुलाकात की
चीन ने मालदीव के साथ एक व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी कायम करने की प्रतिबद्धता जताई है. चीन ने कहा दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग में कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है. और तीसरे पक्ष से इसमें कोई बाधा भी नही आयेगी. कुछ सप्ताह पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों के पहले समूह को मालदीव छोड़ने के लिए एक समयसीमा भी तय की थी.
मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने चीन और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. जिसके बाद चीन के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग कार्यालय के मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने उप निदेशक मेजर जनरल झांग बाओकुन से मुलाकात की. चीन ने मालदीव के साथ एक व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी कायम करने की प्रतिबद्धता जताई है. चीन ने कहा दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग में कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है और न ही तीसरे पक्ष से इसमें कोई बाधा आएगी. आपको बता दे हाल ही में, मालदीव ने भारत के सभी सैनिकों से वापस करने की बात कही थी. मंगलवार को मुइज्जू ने कहा है कि मालदीव में भारत के सिविल ड्रेस में भी कोई कर्मी नहीं रहेगा, जबकि इसके पहले टेक्निकल कर्मियों को बदलने पर सहमति हुई थी.
रक्षा सहयोग समझौते पर हुए हस्ताक्षर
चीन ने मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के सिलसिले में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए है. चीन ने सोमवार को मालदीव के साथ मजबूती से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया है.
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मालदीव के साथ काम करने में प्रतिबद्ध चीन
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मालदीव के साथ चीन के सैन्य समझौते के बारे में पूछे जाने पर मीडिया को विवरण के लिए ‘सक्षम चीनी अधिकारियों’ से प्रतिक्रिया लेने को कहा जिसमें उन्होंने कहा, ‘मोटे तौर पर, चीन एक व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी बनाने के लिए मालदीव के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है’. माओ ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘चीन और मालदीव के बीच सामान्य सहयोग के दौरान कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है और न ही किसी तीसरे पक्ष को इसे बाधित करना चाहिए.’