चीन के ‘दुश्मन’ को अमेरिका में बड़ी जिम्मेदारी, क्या है बाइडेन की प्लानिंग? | america… – भारत संपर्क

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चीन के ‘दुश्मन’ को अमेरिका में बड़ी जिम्मेदारी, क्या है बाइडेन की प्लानिंग? | america… – भारत संपर्क
चीन के 'दुश्मन' को अमेरिका में बड़ी जिम्मेदारी, क्या है बाइडेन की प्लानिंग?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. (फाइल फोटो)

अमेरिका में 2024 के नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं उससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अहम फैसला लिया है. दरअसल चीन के कट्टर विरोधी कुर्त कैंपबेल को अमेरिकी विदेश मंत्रालय में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. कैंपबेल अब पॉलिटिकल अफेयर्स के अंडर सेक्रेटरी की कमान संभालेंगे. विक्टोरिया नूलैंड इससे पहले इस पद पर 2021 से थी. तो अब विक्टोरिया की जगह कुर्त कैंपबेल सारा कामकाज देखेंगे. फिलहाल कुर्त कैंपबेल अमेरिका के इंडो पेसिफिक नीति के प्रभारी है.

कुर्त कैंपबेल की एक पहचान यह भी रही है कि उन्होंने भारत और अमेरिका की दोस्ती को धरती पर सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध बताया था. कैंपबेल को नंबर दो की पोजिशन देकर बाइडेन ने चीन के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा को उजागर किया है. दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन संघर्ष, इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसी वर्तमान अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बीच अमेरिका ने ऐसा करके अपने एशिया-प्रशांत सहयोगियों को आश्वासन भी दिया है कि चाहे कोई भी चुनौती हो इंडो पेसिफिक क्षेत्र में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका बनी रहेगी.

बाइडेन प्रशासन का “एशिया सम्राट”

कैंपबेल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का “एशिया सम्राट” कहा जाता है. वाशिंगटन नीति के अनुभवी हैं, जिन्होंने सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में उपाध्यक्ष के रूप में और न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के सीईओ और सह-संस्थापक के रूप में काम किया है. वह इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी पहल को चलाने वाले प्रमुख एजेंट रहे हैं. QUAD यानी क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग को मजबूत और सक्रिय बनाने, चीन के ख़िलाफ़ AUKUS बनाने में कैंपबेल ने ख़ास रोल निभाया है. कैंपबेल को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों से काफी समर्थन मिला है, जो आज के हद से ज्यादा पोलराइज्ड वाशिंगटन में काफी दुर्लभ है.

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क्या है QUAD?

क्वाड यानी क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग जिसको चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बनाया गया था. इस समूह के में चार सदस्य हैं- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया. इस समूह को बनाने की बात पहली बार 2004 की सुनामी के बाद हुई थी. जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को 2006 और 2007 के बीच क्वाड की नींव रखने का श्रेय जाता है. हालांकि कुछ समय बाद ही ऑस्ट्रेलिया इससे अलग हो गया था. फिर 2017 में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका संवाद के साथ क्वाड वापस अस्तित्व में आया.

AUKUS क्या है?

AUKUS यानि ऑस्ट्रेलिया, यूके और अमेरिका. तीनों देशों ने कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ईंधन से चलने वाली पनडुब्बियां बनाने में मदद करेंगे. AUKUS समझौते को बनाने के पीछे मकसद था कि पश्चिमी प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया की नौसैनिक ताक़त में ख़ासा इज़ाफ़ा हो और वह इस इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव का जवाब देने की स्थिति में आ जाए. इस फैसले से चीन खासा नाराज हो गया था.

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