Chirag Paswan: चिराग पासवान 243 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, बिहार में किंगमेकर…


चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री और एलजेपी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान के एक बयान से चुनावी माहौल गर्म हो गया है. उन्होंने एक रैली में कुछ ऐसा कहा, जिस पर सियासी चर्चा चल रही है. चिराग ने कहा है कि वो बिहार से चुनाव लड़ेंगे. आगे ये भी कहा कि 243 सीटों पर वो चुनाव लड़ेंगे. बिहार विधानसभा में कुल सीटें भी इतनी ही हैं. तो क्या एनडीए में शामिल चिराग पासवान सभी सीटों से उम्मीदवार उतारेंगे?
राजनीति संकेतों का खेल है. चिराग पासवान की पार्टी एनडीए की सहयोगी है. उनके इस बयान में सियासी मैसेजिंग है. चिराग पासवान ने कहा, मैं बिहार से चुनाव लड़ूंगा. मैं बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा. मैं बिहार की हर एक सीट से बिहार को फर्स्ट और बिहारियों को फर्स्ट बनाने के लिए चुनाव लड़ूंगा. मैं बिहार से चुनाव नहीं लड़ूंगा, मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. मैं बिहारियों के लिए चुनाव लड़ूंगा.
ऐसे में मेरे पिता आप हैं
चिराग पासवान ने कहा, अब मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं. जिनको मेरा पिता बनना था उन्होंने भी मुझे घर से बाहर निकाल दिया. ऐसे में मेरे पिता आप हैं, मेरी मां आप हैं. मेरे भाई आप हैं. मेरी बहन आप हैं. मेरा परिवार आप हैं. इस तरह चिराग पासवान ना केवल चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं बल्कि वो अपने पिता रामविलास पासवान का भी नाम ले रहे हैं.
उनकी तस्वीर भी मंच पर नजर आई. भाषण के दौरान अपने परिवार से मिले धोखे का भी जिक्र किया. यानी वो लोगों के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव और सीटों की घोषणा चिराग पासवान ने शाहाबाद में नव संकल्प रैली में की. रैली के बाद जो पोस्टर जारी किया गया उसमें नव संकल्प के साथ नव नेतृत्व भी लिखा हुआ है.
ये चिराग की अंतिम घोषणा नहीं
इस नव नेतृत्व शब्द पर नया विवाद शुरू हो गया. हालांकि ये चिराग की अंतिम घोषणा हो ये जरूरी नहीं. राजनीति में वक्त के हिसाब से दांव बदलते रहते हैं. अभी बिहार में एनडीए के अंदर ना तो सीटों का बंटवारा हुआ है. नेतृत्व को लेकर भी तस्वीर बहुत साफ नहीं है. अलग-अलग तरह के बयान आते रहते हैं. वैसे सीट बंटवारे पर तीन दिन पहले सूत्रों से ये खबर आई थी कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी लगभग बराबर सीट पर लड़ सकती है.
वहीं, सहयोगियों के लिए 40 सीटें छोड़ी जाएंगी, जिनमें 25 से 28 सीटें एलजेपी को मिल सकती हैं. बाकी बची 10 से 15 सीटें अन्य सहयोगी दलों को दी जाएंगी. ये खबर आने के ठीक एक दिन बाद रविवार को रैली में चिराग पासवान का ये कहना कि वो 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. ये महज संयोग नहीं हो सकता. ये चर्चा पहले से थी कि वो बिहार में किसी सामान्य वर्ग की सीट से विधायक का चुनाव लड़ेंगे लेकिन 243 सीटों पर लड़ेंगे, ये कल उन्होंने कहा है तो इसके मायने क्या हैं?
अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार ये मानते हैं कि सीट बंटवारे में मोल भाव और दबाव बनाने के लिए चिराग ने ये बयान दिया होगा. अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि उनकी नजर शायद सीएम की कुर्सी पर हो. यानी उनकी महत्वकांक्षा मुख्यमंत्री बनने की हो. खुद को सीएम की रेस में दिखाने की कोशिश है. दबी जुबान से उनकी पार्टी सीएम चेहरे के तौर पर उन्हें प्रोजेक्ट करती रही है.
यहां एक बात गौर करने वाली है. चिराग पासवान केंद्र में मंत्री हैं. सवाल ये है कि कोई केंद्रीय मंत्री विधायक बनने के लिए बिहार क्यों आएगा? ये एक सवाल है. 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी को वोट कटवा कहा गया था. एलजेपी ने तब 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. जीत एक सीट पर ही मिली थी लेकिन उनकी वजह से नीतीश कुमार को बड़ा नुकसान हो गया और जेडीयू 43 सीटों पर सिमट गई थी. उनके ताजा बयान से बिहार में एनडीए की एकजुटता को लेकर नया राजनीतिक विस्फोट हो गया. राज्य में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव है.