NHM के कर्मचारियों द्वारा खून से लिखा गया पत्र — भारत संपर्क

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NHM के कर्मचारियों द्वारा खून से लिखा गया पत्र — भारत संपर्क






आकाश मिश्रा

मुंगेली- छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम संघ के आव्हान पर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है, हड़ताल स्थल पर कर्मचारियों द्वारा अनोखा प्रदर्शन की जा रही है कर्मचारियों द्वारा आज खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री,मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री अपनी नाराजगी जाहिर की गई! इसके पहले हाथो मे मेहंदी लगाकर प्रदर्शन किया गया था! कर्मचारियों के हड़ताल मे जाने से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है! सरकार से सम्मानजनक सेवा शर्तों और स्थायित्व के साथ-साथ समान वेतन और नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
एनएचएम कर्मचारी संघ के संरक्षक अमित दुबे एवं जिलाध्यक्ष पवन निर्मलकर, डॉ अखिलेश बंजारे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारी अपनी नियमितीकरण एवं 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के पांचवे दिन आज जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को अपने खून से संविदा प्रथा को खत्म कर नियमितिकरण के लिए पत्र प्रेषित किया गया! कर्मचारियों ने बताया कि विगत 20 वर्षों से लगातार सेवा देने के बावजूद NHM कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया गया। पूर्व मे संविदा कर्मचारियों के लिए 27% वेतन वृद्धि की घोषणा की गई थी जिसका लाभ 2 बर्ष बीत जाने के बाद भी एनएचएम के संविदा कर्मचारियों को नहीं मिला है! समय-समय पर सरकार से वार्ता होने के बाद भी केवल आश्वासन मिले हैं।
कर्मचारियों को न तो वेतन वृद्धि का लाभ मिला और ना ही स्थायित्व।
10 सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन, स्थानांतरण नीति, सेवा शर्तों का निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा लाभ सहित अन्य बिंदु शामिल हैं। संघ का कहना है कि सरकार की उपेक्षा और टालमटोल की नीति से मजबूर होकर कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। यह संघर्ष केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और लाखों मरीजों के हित से जुड़ा हुआ है। “हम 20 वर्षों से जनता की सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी हो या आपातकालीन परिस्थिति, NHM कर्मियों ने हमेशा अपनी जिम्मेदारी निभाई है। लेकिन आज जब हम अपने हक और भविष्य की सुरक्षा की बात करते हैं, तो सरकार मौन है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।” कर्मचारियों की हड़ताल का सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है, जिससे अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान शैलेन्द्र पाण्डेय, मनीष गुप्ता, निमिष मिश्रा,
सुनिल सिंह, शैलेष पितर, कमलेश्वरी साहू, राजेंद्र राजपूत, लिलक मारकम, अमित सिंह, लक्ष्मी साहू, रुखमानी चतुर्वेदी, नीतू पात्रे, सरिता कांत, कार्तिक साहू,मौजूद रहे।



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