कोल पेंशनरों का डाटा जुटाने ने कोल कंपनियां नाकाम, पीपीओ…- भारत संपर्क
कोल पेंशनरों का डाटा जुटाने ने कोल कंपनियां नाकाम, पीपीओ रिवाइज्ड किए जाने की प्रक्रिया में हुआ विलंब
कोरबा। कोल इंडिया की सहायक कंपनियों के कोल पेंशनरों से डेटा जुटाने में देरी से सभी कोयला पेंशनभोगियों का पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) रिवाइज्ड नहीं हो पाया है। पीपीओ रिवाइज्ड होने के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया होने से जीवनसाथी को लाभार्थी की मृत्यु पर पेपरलेस पेंशन भुगतान की सुविधा मिलेगी। कागजी प्रक्रिया पूरी करने के फेर में कोयला पेंशनरों के जीवनसाथी को परेशान नहीं होना पड़ेगा और बिना देरी के पेंशन का भुगतान भी हो सकेगा। कोयला कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद हर महीने पेंशन का भुगतान किया जाता है। कोल पेंशनरों की मृत्यु पर जीवनसाथी को उसके जीवित रहने तक नियमानुसार पेंशन देने का प्रावधान है। जीवनसाथी को लाभार्थी की मृत्यु पर पेंशन पाने दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे दुख की घड़ी में परेशानी झेलनी पड़ती है। रिटायर्ड कोयला कर्मियों को पेंशन भुगतान करने वाली कोल माइंस पेंशन फंड आर्गेनाइजर (सीएमपीएफओ) के पीपीओ रिवाइज्ड कर ऑनलाइन कर प्रकिया पेपरलेस करने की है। ताकि बिना किसी कागजी कार्रवाई के जीवनसाथी को लाभार्थी की मृत्यु पर पेंशन भुगतान हो सके। मगर कोल इंडिया की अनेक कोयला कंपनियों ने अब तक कोल पेंशनरों का डाटा नहीं जुटा पाई है। हालांकि इस प्रक्रिया में विलंब होने पर सीआईएल ने अपने सहायक कोयला कंपनियों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर एरिया दफ्तरों में हेल्प डेस्क भी स्थापित की है, मगर रिटायरमेंट के बाद सेवानिवृत्त कोयला कर्मियों के दूसरी जगह शिफ्ट हो जाने से भी पीपीओ रिवाइज्ड किए जाने की प्रक्रिया में देरी हुई है। कोल इंडिया ने एसईसीएल समेत अन्य सहायक कोयला कंपनियों से रिटायर्ड कोल पेंशनरों को अब 30 जून के पहले अनिवार्य रूप से दस्तावेज अपने संबंधित एरिया कार्यालय में जमा कराने अपील की है। तय प्रारूप में भरकर जरूरी दस्तावेजों समेत कंपनी के पेंशन विभाग में जमा कराना होगा। इससे आश्रित के भविष्य को सुरक्षित होने के साथ निरंतर पेंशन भुगतान हो सकेगा। इस संबंध में कोयला कंपनियों के दफ्तरों में पेंशनरों को जानकारी लेने कहा है।
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एआईएसीई के प्रस्ताव पर अमल नहीं
डाटा जुटाने एआईएसीई के प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एग्जीक्यूटिव (एआईएसीई) ने सुझाव दिया था कि कोल पेंशनरों की डाटा पेंशन वितरण बैंको से जुटाई जा सकती है। मगर इसे अमल में नहीं लाया गया है। अनेक कोयला कंपनियां सभी पेंशनभोगियों से अब तक डाटा नहीं जुटा पाया है। जबकि लगभग 7 महीने का लंबा समय गुजर गया है।