कलेक्टर साहब! मेरे बेटे को 4 लाख रूपये में बेच दिया है, मानव…- भारत संपर्क
कलेक्टर साहब! मेरे बेटे को 4 लाख रूपये में बेच दिया है, मानव तस्करी का सनसनीखेज मामला आया सामने, की गई शिकायत
कोरबा। कलेक्ट्रेट पहुंचे महाबीर नामक ग्रामीण ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उसके बेटे को मुक्त कराया जाए, उसे 4 लाख में बेच दिया गया है। पीडि़त पिता ने बताया कि बनपीपर में इतवार सिंह निवास करता है। वह वर्ष 2014 में उसके बेटे बृजलाल को काम दिलाने का झांसा देकर तमिलनाडू ले गया था। करीब दस साल बीत जाने के बाद भी उसका बेटा घर नहीं लौटा। उसे हाल ही में जानकारी मिली है कि उसके बेटे को चार लाख रूपए में किसी व्यक्ति के पास बेचा गया है। उसे गांव लौटने नही दिया जा रहा। उसने बेटे की तलाश कर गांव पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई है। जिले में मानव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल गांव में ही रहने वाला एक युवक तीन ग्रामीणों को सब्जबाग दिखाकर अपने साथ तमिलनाडु ले गया। ग्रामीण काम पसंद नही आने पर गांव लौट रहे थे, तो उसने पीछाकर तीनों को विशाखापट्नम में पकड़ लिया। उसने चाकू अड़ाकर साथ चलने की बात कही। उसके चंगुल से निकलकर दो युवक तो गांव पहुंच गए, जबकि तीसरा लंबे समय बाद भी नही लौटा। जिससे हताश परिजनों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है। दरअसल सरहदी क्षेत्र के पसान थानांतर्गत रामपुर लैंगा से कुछ परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे। उन्होंने कलेक्टर के नाम एक पत्र सौंपा है। बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में ही इतवार नामक युवक निवास करता है, जो लोगों को बेहतर काम और तनख्वाह दिलाने की बात कहकर अपने साथ ले जाता है। उसकी बातों में आकर गांव में रहने वाले गोपाल, मनराखन व रामलाल आ गए। उन्हें लेकर इतवार तमिलनाडू के सैलम पहुंचा, जहां उसने तीनों को अंडा दुकान में काम दिलाना चाहा, लेकिन ग्रामीणों को काम पसंद नही आया। उन्होंने गांव लौटने की ठान ली। इस बात की भनक इतवार को लग गई। ग्रामीण छिपते छिपाते विशाखापट्नम पहुंचे। उनका पीछा करते हुए इतवार भी पहुंच गया। उसने रेलवे स्टेशन के बाहर तीनों को रोक लिया। उसने तीनों को शराब पिलाने के बाद खाना खिलाया। इसके बाद चाकू अड़ाकर साथ चलने की बात कहीं। इस बीच रामलाल उसकी चंगुल से निकलकर गांव पहुंच गया। इसके थोड़े ही दिनों बाद मनराखन भी लौट आया, लेकिन गोपाल का कई माह बीत जाने के बाद भी सुराग नही मिल रहा। इस संबंध में पूछताछ करने पर रामलाल गोलमोल जवाब दे रहा था, लेकिन दबाव बढऩे पर उसने सच्चाई बयां कर दिया। इधर इतवार से गांव की बैठक में पूछताछ की गई, लेकिन उसने कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। साथ ही रामलाल को कुछ भी नही बताने की बात कहते हुए तीस हजार देने का वादा किया। जिससे ग्रामीणों को गोपाल के साथ अनहोनी की आशंका सता रही है। उन्होंने कलेक्टर से गोपाल की तलाश करने गुहार लगाई है।
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पसान पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
कलेक्ट्रेट पहुंचे रामपुर लैंगा निवासी विशम्भर सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उसने अपने पिता गोपाल के संबंध में रामलाल से पूछताछ की, लेकिन वह गोलमोल जवाब देता रहा। जिससे संदेह होने पर उसने 9 जनवरी 2025 को पसान थाना पहुंचकर शिकायत दी थी। किसी तरह की पहल नही होने पर 12 फरवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया था। इसके बावजूद पुलिस की ओर से उसके लापता पिता की तलाश के लिए पहल नही की गई। जिससे वे हताश हो चुके हैं।