आदिवासी की जमीन को कूट रचना कर गैर आदिवासी को बेचने की साजिश…- भारत संपर्क

यूनुस मेमन
आदिवासियों के स्वामित्व की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा खरीदने पर पाबंदी है, बावजूद इसके आदिवासी की जमीन को जमीन दलालों के द्वारा समान्य वर्ग का बता कर बेचे जाने की शिकायत कलेक्टर से गई है, जिस पर कलेक्टर के द्वारा तत्काल जांच कराने की बात कही। वही जमील मालिक ने त्रुटि वश नाम नहीं बदल पाने की बात कही और रिकार्ड सुधार के लिए आवेदन भी लगाया है।
जमीन मालिक के भतीजे के द्वारा अपने चाचा के अकेलेपन और बुढ़ापे का फायदा उठाते हुए जमीन को बलपूर्वक जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया और उसे जमीन दलालों से मिलकर गैर आदिवासी को बेचने की साजिश रचि जा रही है। जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है। एसडीएम ने रतनपुर तहसीलदार को नोटिस जारी कर तत्काल जांच प्रतिवेदन की मांग की है।
आवेदक जगदीश सिंह नागरची पिता स्वर्गीय रतनलाल नगरची उम्र 80 वर्ष निवासी भीमचौक कुम्हार पारा रतनपुर निवासी के द्वारा कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर आदिवासी भूमि को गैर आदिवासी के नाम पर दर्ज होने का फायदा उठाकर असंवैधानिक तरीके से विक्रय करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है,जगदीश सिंह पिता स्वर्गीय रतनलाल नगरची निवासी भीम चौंक कुम्हारपारा वार्ड नंबर 3 रतनपुर जिला बिलासपुर के द्वारा पटवारी हल्का नंबर
12 राजस्व निगम मंडल चपोरा तहसील रतनपुर जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 3376 रकबा 0.684है आवेदन के पैतृक संयुक्त खाते की भूमि है, जिस पर अनावेदक का कब्जा है। पिता के द्वारा मालगुजार के समय से आवेदक एवं अनावेदक क्रमांक 1 जो की आवेदक के पिता रतनलाल नगरची के नाम पर अधिकार अभिलेख में दर्ज है। इस देश कीमती जमीन को कूट रचना कर बेचने की कोशिश की जा रही है आवेदक पक्ष के कमजोर होने का फायदा जमीन दलाल और उनके गुर्गे उठा रहे हैं।
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