सेहत के लिहाज से सही नहीं है नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना, जानें ICMR की खास…

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सेहत के लिहाज से सही नहीं है नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना, जानें ICMR की खास…
सेहत के लिहाज से सही नहीं है नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना बनाना, जानें ICMR की खास गाइडलाइन

नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने के नुकसानImage Credit source: pexels

बदलते वक्त के साथ खाना खाने और पकाने दोनों का तरीका बदलता जा रहा है. जहां पहले मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जाता था वहीं अब नॉन स्टिक बर्तनों ने इनकी जगह ले ली है. आजकल फैंसी दिखने वाले नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने का ट्रेंड चल पड़ा है. लगभग हर किसी के घर में आपको नॉन स्टिक बर्तन जरूर मिल जाएंगे. इन बर्तनों की खासियत ये है कि इनमें खाना चिपकता नहीं है और कम तेल में ही खाना पकाया जा सकता है. भले ही नॉन स्टिक बर्तन में आप कम तेल में खाना पका लेंगे लेकिन इसके बावजूद इसके कई नुकसान हैं, आइए जानते हैं क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट.

हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने डाइटरी गाइडलाइन जारी की है. इसमें उन्होंने खाने पीने से जुड़ी कई सारी जानकारी शामिल की है. इस गाइडलाइन में नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने को लेकर भी जानकारी दी है. आइए जानते हैं ICMR की गाइडलाइन के अनुसार नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाना कितना सही है.

सेहत के लिहाज से कितना सही है नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाना?

नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाना यकीनन सुविधाजनक है लेकिन सेहत के लिहाज से ये बिल्कुल ठीक नहीं है. नॉन स्टिक बर्तनों पर हानिकारक केमिकल्स की कोटिंग की जाती है. जब आप इन बर्तनों को हीट करते हैं तब इनमें से जहरीला धुआं निकलता है. इसलिए सेहत के लिहाज से ये बर्तन बिलकुल भी ठीक नहीं माने जाते हैं. इन बर्तनों की वजह से आपको थाइराइड, सांस से जुड़ी दिक्कत के साथ साथ कैंसर की समस्या भी हो सकती है. नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाते वक्त आपको कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए जैसे कि आंच का तेज न होना, बर्तन की कोटिंग का सही होना जैसी कई चीजें शामिल है.

मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना है सबसे सही

ICMR की रिर्पोर्ट के अनुसार मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना सबसे सही है. मिट्टी के बर्तनों में सिर्फ खाना पकाना ही नहीं बल्कि इनमें खाना स्टोर करके रखना भी फायदेमंद माना जाता है. मिट्टी के बर्तन से खाने में पोषक तत्व और स्वाद दोनों ही दोगुने हो जाते हैं. हेल्दी रहने के लिए हमें ICMR की गाइडलाइन जरूर फॉलो करनी चाहिए.

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