सरकारी हैंडपंप पर दबंगई ; छह महीने से शिकायत लंबित, प्रशासन…- भारत संपर्क

पत्थलगांव (जशपुर)। सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे के मामले आम होते जा रहे हैं, लेकिन जब प्रशासन ही आंखें मूंद ले, तो आम जनता के लिए न्याय पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक मामला प्रत्यवगांव हाई स्कूल मैदान में सामने आया है, जहां एक सरकारी हैंडपंप को निजी स्वार्थ के लिए हटा दिया गया और वहां मोटर पंप लगाकर इसे निजी संपत्ति बना लिया गया।
छह महीने से शिकायत, प्रशासन बेखबर :
स्थानीय नागरिकों ने इस मामले को लेकर छह महीने पहले मौखिक शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद एक माह पूर्व लिखित शिकायत भी दी गई, फिर भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। इस लापरवाही से यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन जानबूझकर इस अवैध कब्जे को अनदेखा कर रहा है?
सीएमओ का बयान – “मामला संज्ञान में है, जल्द होगी कार्रवाई” : जब हमारी टीम ने इस मामले को लेकर नगर पंचायत अधिकारी (CMO) से बात की, तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यह बयान भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि छह महीने तक निष्क्रिय रहने के बाद अब “जल्द” का क्या अर्थ है? क्या प्रशासन तब तक इंतजार करेगा जब तक जनता पूरी तरह त्रस्त न हो जाए?
जनता में आक्रोश, प्रशासन की भूमिका संदिग्ध :
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर इस मामले को दबा रहा है। सुबह-शाम मैदान में टहलने आने वाले बुजुर्ग, बच्चे और आम नागरिक पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं। वहीं, सरकारी संपत्ति को निजी स्वार्थ के लिए हड़पने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
क्या अब भी सिर्फ आश्वासन मिलेगा या होगी सख्त कार्रवाई?
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन वास्तव में इस अवैध कब्जे को हटाकर हैंडपंप को फिर से सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराएगा, या फिर यह मामला सिर्फ फाइलों में दबकर रह जाएगा? जनता प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार कर रही है, लेकिन अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो नागरिकों का आक्रोश किसी बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकता है।
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