DAV Ayurvedic College Jalandhar: देश का सबसे पुराना आयुर्वेद कॉलेज कौन सा है?…

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DAV Ayurvedic College Jalandhar: देश का सबसे पुराना आयुर्वेद कॉलेज कौन सा है?…
DAV Ayurvedic College Jalandhar: देश का सबसे पुराना आयुर्वेद कॉलेज कौन सा है? क्या है उसमें खास...

Image Credit source: महात्मा हंसराज ने लाहौर में इसकी शुरुआत की थी.

बात जब भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद की हो, तो डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज जालंधर का नाम गर्व से लिया जाता है. 1898 में स्थापित यह संस्थान सिर्फ एक कॉलेज नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और चिकित्सा विरासत का जीवंत प्रतीक है. लाहौर से शुरू होकर जालंधर तक के सफर में इस कॉलेज ने न सिर्फ समय की कसौटी पर खुद को साबित किया है, बल्कि हजारों छात्रों को आयुर्वेद चिकित्सा में निपुण भी बनाया है. यही कारण है कि अब विदेशों से भी एमबीबीएस छात्र यहां आकर आयुर्वेद के रहस्य जानने को उत्सुक हैं. अगर आप भी आयुर्वेद में करियर बनाना चाहते हैं तो यह कॉलेज आपके लिए एक शानदार शुरुआत साबित हो सकता है.

Ayurvedic Medical Education : डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज का इतिहास

डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज जालंधर का इतिहास सन 1898 से जुड़ा है, जब महात्मा हंस राज ने लाहौर में इसकी शुरुआत की थी. इसका मकसद स्वामी दयानंद सरस्वती की सोच को आगे बढ़ाते हुए नौजवानों को नई शिक्षा देना था. 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो कॉलेज को लाहौर में अपनी सारी प्रॉपर्टी छोड़नी पड़ी. कॉलेज को अमृतसर में फिर से शुरू किया गया, लेकिन वहां जगह की कमी के चलते 1953 में इसे जालंधर ले आया गया. तब से ये डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी के तहत चल रहा है, जो अब देश की सबसे बड़ी गैर-सरकारी शिक्षण संस्था बन चुकी है. इसके तहत 700 से ज्यादा स्कूल, कॉलेज और दूसरे संस्थान चलते हैं.

Ayurvedic Hospital Punjab : डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज की खास बातें और सुविधाएं

डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज, जालंधर गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, होशियारपुर से जुड़ा हुआ है. इसे आयुष मंत्रालय और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) से भी मान्यता मिली हुई है. पहले इसे सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) से मान्यता मिली हुई थी, लेकिन अब उसकी जगह NCISM ने ले ली है.

Dav Ayurvedic College

देश के सबसे पुराने आयुर्वेदिक कॉलेज के बारे में जानें

ये कराए जाते हैं कोर्स

बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) : ये साढ़े पांच साल का कोर्स है, जिसमें साढ़े चार साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप होती है. इसमें कुल 60 सीटें हैं. इसमें आयुर्वेद के मूल सिद्धांत और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर पढ़ाया जाता है.

एमडी/एमएस (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन/मास्टर ऑफ सर्जरी) : ये 3 साल का पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स है. अभी कॉलेज में शुद्धिकरण और डिटॉक्सिफिकेशन (पंचकर्म) की 5 सीटें और औषधीय पौधों और पदार्थों के विस्तृत अध्ययन (द्रव्यगुण) की 5 सीटों में एमडी कराया जाता है.

एमडी/एमएस (MD/MS) कोर्स के लिए जरूरी योग्यता

  • पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट (NEET PG) या अखिल भारतीय आयुष पोस्टग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट (AIAPGET) में मिले नंबर देखे जाते हैं.
  • AIAPGET काउंसलिंग प्रक्रिया में रजिस्टर करने के बाद काउंसलिंग में हिस्सा लेना होता है.
  • किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से आयुर्वेदिक चिकित्सा में ग्रेजुएट की डिग्री (बीएएमएस) होनी चाहिए.
  • ग्रेजुएशन में कम से कम 50% नंबर होने चाहिए.

बीएएमएस (BAMS) कोर्स के लिए जरूरी योग्यता

  • बीएएमएस में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) में पास होना जरूरी है.
  • NEET UG में मिले नंबरों के आधार पर केंद्रीकृत काउंसलिंग होती है. ये काउंसलिंग राज्य सरकार या आयुष एडमिशन सेंट्रल काउंसलिंग कमेटी (AACCC) द्वारा 15% अखिल भारतीय कोटा सीटों के लिए कराई जाती है.
  • 10+2 या उसके बराबर की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलोजी में 50% नंबरों से पास हो.

100 बेड का अस्पताल भी कॉलेज में मौजूद

डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज का अपना 100 बेड का अस्पताल भी है, जिसमें 2 इमरजेंसी बेड भी शामिल हैं. यहां छात्रों को सीखने का मौका मिलता है और लोगों का इलाज भी होता है. पंजाब में ये अकेला ऐसा अस्पताल है, जहां आयुर्वेदिक मल्टी स्पेशलिटी क्लीनिक हैं. अस्पताल में अपना लैब है. आधुनिक रेडियोलॉजिकल सुविधाएं और डिलीवरी रूम भी मौजूद है. कॉलेज की अपनी डीएवी फार्मेसी भी है, जो आयुर्वेद के क्षेत्र में रिसर्च करती है.

कैंपस और बाकी सुविधाएं

डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज जालंधर के बर्लटन पार्क के पास, जीटी रोड पर है. कॉलेज में एक अच्छी लाइब्रेरी है, जहां छात्रों के लिए बहुत सारी किताबें हैं. सबसे खास बात ये है कि यहां 300 से ज़्यादा औषधीय पौधों वाला एक हर्बल गार्डन है. लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल की सुविधा भी है.

मिलते हैं ये स्कॉलरशिप

मेरिट स्कॉलरशिप: कॉलेज उन होनहार छात्रों को स्कॉलरशिप देता है, जिन्होंने यूनिवर्सिटी/बोर्ड परीक्षाओं, खेलों और कल्चरल एक्टिविटीज में अच्छा प्रदर्शन किया है. जैसे, क्लास में टॉप करने वाले छात्रों को एक साल में 6000 रुपये मेरिट स्कॉलरशिप मिलती है.

जरूरतमंदों के लिए स्कॉलरशिप: मेरिट स्कॉलरशिप के अलावा, कॉलेज समाज के कमजोर वर्ग के छात्रों को भी आर्थिक मदद देता है. जरूरतमंद छात्र स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं और इंटरव्यू दे सकते हैं.

पोस्ट मैट्रिक योजना: पंजाब राज्य में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के लिए भारत सरकार की पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत भी स्कॉलरशिप उपलब्ध है.

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