सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के साथ छलावा, मंत्री की घोषणा…- भारत संपर्क

0



सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के साथ छलावा, मंत्री की घोषणा ,सचिव के आदेश पर नहीं हुआ अमल

कोरबा। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के सवा साल बाद कोरबा समेत 6 जिलों में रेडी टू ईट फूड निर्माण का संचालन बीज निगम की उत्पादनकर्ता फर्मों की जगह परियोजना स्तर पर सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को देने की साय सरकार की घोषणा ,विभागीय आदेश महज छलावा साबित हुआ । तय मियाद 1 अप्रैल 2025 से समूह का संचालन का दायित्व देने की घोषणा पर मियाद समाप्त होने के उपरांत भी अमलीजामा पहनाने आज पर्यंत समूह चयन की कवायद शुरू नहीं की जा सकी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष के नोनिहालों, किशोरियों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। 1 फरवरी 2022 के पूर्व स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था।गेहूं ,सोया ,चना ,मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट 3 वर्ष तक के बच्चों ,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े ,कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें। 24 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी 2022 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया है जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया था। हालांकि सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन गया था । 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित हुईं थी । लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया। शासन के फैसले के खिलाफ कवर्धा , कोरबा, सूरजपुर सहित कई जिलों में रैली निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताया गया था। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम आदेश को वापस लेने ज्ञापन सौंपा गया। विपक्षी दल भाजपा भी सत्ता पक्ष के इस निर्णय को लेकर हमलावर रही। सदन में हंगामा व बहिर्गमन तक किया गया। वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च तक रेडी टू ईट के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार कर दिया था। 1 अप्रैल 2022 से पूर्ण से छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट को कार्य सौंप दिया गया था। विधानसभा चुनाव में भी रेडी टू ईट का दायित्व चरणबद्ध रूप से स्थानीय महिला स्व सहायता के सुपुर्द करने की बात कही गई थी। लिहाजा बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 5 जिलों में रेडी टू ईट फ़ूड का दायित्व स्थानीय पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के हवाले करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणानुरूप आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 20 जनवरी 2025 को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने पूरक पोषण आहार योजनांतर्गत अरेडी टू ईट निर्माण व वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट की जगह 5 जिलों में रेडी टू ईट के निर्माण हेतु फर्म एंड सोसायटी के तहत पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने आदेश जारी किया था। लेकिन आचार संहिता हटने के एक माह से अधिक समयावधि बीतने के बाद भी समूह चयन की कवायद ही शुरू नहीं की जा सकी। समूह चयन को लेकर कोई सर्कुलर जारी नहीं हुए। जिससे नए वित्तीय वर्ष से इन 6 जिलों में सक्षम स्व सहायता समूहों की जगह फिलहाल राज्य बीज निगम की उत्पादनकर्ता फर्म ही अप्रैल माह में रेडी टू ईट वितरण करती नजर आएगी।

Loading






Previous articleसीएसईबी कर्मी लौटा, मन विचलित होने के कारण हुआ था लापता, आत्महत्या संबंधी पत्र लिखने पर पछतावा

Arvind Rathore


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

IPL 2025 Points Table: गुजरात को जीत के बाद भी नहीं हुआ फायदा, मगर RCB का क… – भारत संपर्क| LDA में अब झटपट काम! जमीन की रजिस्ट्री के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, एक ही जगह … – भारत संपर्क| कार्बन-फ्री बिहार बनाना है… जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मास्टरप्लान…| पीएम जनमन से धनसुली की कमार बस्ती को नई पहचान – भारत संपर्क न्यूज़ …| CBSE ने 10th और 12th के स्पेशल एग्जाम्स की डेट जारी कीं, ये स्टूडेंट्स देंगे…