Deep Blue vs Garry Kasparov: 1996 में ही दिख गया था AI का कमाल, जब कंप्यूटर से… – भारत संपर्क

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Deep Blue vs Garry Kasparov: 1996 में ही दिख गया था AI का कमाल, जब कंप्यूटर से… – भारत संपर्क
Deep Blue vs Garry Kasparov: 1996 में ही दिख गया था AI का कमाल, जब कंप्यूटर से हारा शतरंज का वर्ल्ड चैंपियन

1997 में गैरी कास्परोव और डीप ब्लू के बीच दोबारा मैच हुआ.Image Credit source: IBM

Deep Blue vs Garry Kasparov Game: इंसान और मशीन का एक दूसरे से मुकाबला तो शुरू से चलता आ रहा है. जब कंप्यूटर का दौर शुरू हुआ तो इंसानों ने इसे अपने लिए बड़ा खतरा माना. इसे लोगों की क्षमता को कम आंकने और नौकरी छीने जाने के तौर पर देखा गया. इन सब चीजों के बावजूद साइंटिस्ट्स कंप्यूटर को पहले से ज्यादा पावरफुल बनाते रहे. बात कंप्यूटर से आगे बढ़कर सुपरकंप्यूटर तक आ गई. 1996 में IBM दुनिया के सामने Deep Blue सुपरकंप्यूटर लाया. यह पहला कंप्यूटर था जिसने पहली बार किसी चेस वर्ल्ड चैंपियन को गेम हराया.

1996 में अमेरिका के फिलाडेल्फिया में Deep Blue और रूसी ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव के बीच मैच हुआ. उस समय कास्परोव चेस की दुनिया में सबसे बड़ा नाम थे. वो एक वर्ल्ड चैंपियन थे, और 1999 में उनकी इंटरनेशनल चेस फेडरेशन यानी FIDE चेस रेटिंग सबसे पीक पर थी. एक वर्ल्ड चैंपियन ग्रैंडमास्टर को हराने लायक सुपरकंप्यूटर बनाने में IBM को कई साल लग गए.

इंसानी दिमाग को टक्कर देने वाला कंप्यूटर

IBM की सोच थी कि अगर कंप्यूटर की इंटेलिजेंस को इंसान के लेवल का बनाना है तो फिर दुनिया के सबसे ज्यादा दिमाग वाले इंसान के साथ कंपटीशन होना चाहिए. इसके लिए चेस से बेहतर और क्या हो सकता था. IBM ने उस समय के वर्ल्ड चैंपियन ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव को हराने के लिए कंप्यूटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी.

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Deep Blue Vs Garry Kasparov Match

1996 फिलाडेल्फिया मैच के दौरान डीप ब्लू की टीम. (Credit: IBM)

IBM ने 1957 से चेस चैंपियनशिप पर बेस्ड कंप्यूटर बनाने शुरू कर दिए थे. इन कंप्यूटर ने कई चेस टूर्नामेंट जीते, लेकिन कभी किसी ग्रैंडमास्टर को नहीं हराया था. वैसे भी यह काम इतना आसान नहीं था. 1985 में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे फेंग-ह्सिउंग सू ने चेस प्लेइंग सुपरकंप्यूटर ‘ChipTest’ बनाना शुरू किया.

Deep Blue vs Garry Kasparov: पहला मैच

बाद में सू और उनकी टीम में शामिल मरे कैंपबेल ने IBM जॉइन कर लिया और Deep Blue पर काम शुरू हो गया. कई सालों की मेहनत के बाद डीप ब्लू बना और 10 फरवरी 1996 में इसका मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन गैरी कास्परोव से हुआ. फिलाडेल्फिया में डीप ब्लू और कास्परोव के बीच 6 गेम का मैच खेला गया.

Garry Kasparov Match Game

गैरी कास्परोव और डीप ब्लू पर 1996 मैच के एक गेम की फाइनल पोजिशन. (Credit: IBM)

डीप ब्लू ने पहला गेम जीतकर पूरी दुनिया को चौंका दिया. एक टाइम कंट्रोल मैच में पहली बार किसी कंप्यूटर ने वर्ल्ड चैंपियन को हराया था. हालांकि, कास्परोव ने भी जबरदस्त पलटवार किया और 4-2 से मैच जीत लिया.

Deep Blue vs Garry Kasparov: दूसरा मैच

मई 1997 में डीप ब्लू और कास्परोव के बीच दोबारा मैच हुआ. न्यूयॉर्क के इक्वीटेबल सेंटर में हुए मैच में कास्परोव ने पहला गेम जीत लिया. डीप ब्लू ने अगला गेम जीतकर शानदार वापसी की, और बाकी के तीन मैच ड्रॉ रहे. छठे गेम में रोमांच चरम पर पहुंच चुका था, और लोग चेस बोर्ड पर टकटकी लगाए बैठे थे.

डीप ब्लू ने ये मैच 3.52.5 के अंतर से जीतकर इतिहास रच दिया. ये दुनिया का पहला कंप्यूटर सिस्टम बन गया, जिसने एक वर्ल्ड चैंपियन को हराया.

Deep Blue और उसकी AI पावर

डीप ब्लू ने कास्परोव को हराकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का लोहा मनवाया. इसने दुनिया को दिखा दिया कि AI के जरिए ह्यूमन इंटेलिजेंस जैसी पावर से कंप्यूटर को प्रोग्राम किया जा सकता है. इससे दुनिया के अलग-अलग सेक्टर को इंप्रूव करने में मदद मिलेगी.

बाद में ऐसा ही हुआ क्योंकि फाइनेंसिंग, स्टॉक्स, पोर्टफोलियो, फार्मास्यूटिकल्स जैसी इंडस्ट्रीज में डीप ब्लू आर्किटेक्चर के साथ प्रोसेसिंग और कंप्यूटेशनल पावर का इस्तेमाल किया गया. डीप ब्लू में 32 चिपसेट की पावर थी और ये एक सेकेंड में 20 करोड़ चेस पोजिशन को परख सकता था.

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