Delhi Liquor Scam: दिल्ली में शराब की कितनी दुकानें और कितना…- भारत संपर्क

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Delhi Liquor Scam: दिल्ली में शराब की कितनी दुकानें और कितना…- भारत संपर्क
Delhi Liquor Scam: दिल्ली में शराब की कितनी दुकानें और कितना बड़ा है कारोबार?

दिल्ली में शराब की कितनी दुकानें और कितना है कारोबार?

दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका खारिज होने के बाद देर शाम उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. उनके आवास पर देर शाम ईडी की टीम पहुंची और दिल्ली के सीएम केजरीवाल को शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर दिल्ली शराब घोटाला मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है. दिल्ली में शराब का कारोबार काफी बड़ा है, जिससे सरकार के खजाने में करोड़ों रुपए आते हैं. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली में कितनी शराब की दुकानें हैं और इनसे कितना कारोबार होता है.

दिल्ली में कितनी हैं शराब की दुकानें?

दिल्ली में शराब की 584 दुकानें हैं. इनमें से ज्यादातर दुकानें और ठेके दिल्ली सरकार के चार पीएसयू चलाते हैं. दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, दिल्ली कंज्यूमर को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोरी और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड ज्यादातर ठेके और दुकानें चलाती हैं. दिल्ली में नई आबकारी नीति पॉलिसी लाने के बाद सरकार का लक्ष्य 849 शराब की दुकानें खोलने का था. सितंबर 2022 में जहां दिल्ली में कुल शराब की दुकानों की संख्या 350 थी, जो अब जून 2023 में बढ़कर 584 हो गई गई है. राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या अब और बढ़ गई है.

कितना बड़ा है कारोबार?

आबकारी विभाग के मुताबिक, दिसंबर 2022 में शराब की बोतलों की बिक्री पिछले चार साल में सबसे ज़्यादा रही. दिसंबर में हर दिन औसतन 13.77 लाख शराब की बोतलें बिकीं. दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री से हर दिन औसतन 19 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व मिलता है. आबकारी अधिकारियों के मुताबिक, बाज़ार में 117 थोक विक्रेताओं के ज़रिए करीब 1,000 ब्रांड पंजीकृत हैं. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 करोड़ से ज्यादा शराब की बोतलें बेचकर 6,821 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था. इससे पहले दिल्ली सरकार ने 2021-22 में शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क और वैट से 6,762 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था.

वहीं, साल 2023 में दिल्ली ने शराब की बिक्री से 6,100 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. इस राशि में शराब की बोतलों पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज) से 5,000 करोड़ रुपये और मूल्य वर्धित कर (वैल्यू ऐडेड टैक्स) के रूप में 1,100 करोड़ रुपये शामिल हैं. वहीं, 960 होटलों, रेस्तरां और क्लबों में शराब की बिक्री से जुटाए गए राजस्व का अभी तक डाटा रिकॉर्ड नहीं किया गया है.

होली में कितनी दारू पी जाते हैं दिल्ली वाले?

आम दिनों में जहां 12 से 13 लाख बोतलें रोजाना बिकती हैं. वहीं पिछले साल होली के मौके पर शनिवार, रविवार और सोमवार को शराब की सेल के आंकड़े बढ़कर 15 लाख, 22 लाख और 26 लाख डेली सेल तक पहुंच गई थी. TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में शराब की बिक्री ने पिछले साल पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, 6 मार्च यानी होली के मौके पर एक ही दिन में 58.8 करोड़ रुपये की 26 लाख बोतल शराब की बिक्री हुई.

क्या है शराब घोटाला?

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इस नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात कही गई. इस तरह से पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खोली जानी थीं. इस नीति के तरह सभी सरकारी ठेकों को बंद कर सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. जबकि इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति लागू होने के बाद सभी 100 प्रतिशत शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. दिल्ली सरकार ने इससे पीछे तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा.

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