गाजा पर न्यूक्लियर हमले की उठी मांग, पलटवार के लिए क्या फिलिस्तीन के पास है परमाणु… – भारत संपर्क

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गाजा पर न्यूक्लियर हमले की उठी मांग, पलटवार के लिए क्या फिलिस्तीन के पास है परमाणु… – भारत संपर्क
गाजा पर न्यूक्लियर हमले की उठी मांग, पलटवार के लिए क्या फिलिस्तीन के पास है परमाणु हथियार?

दुनिया भर में परमाणु बमों की चर्चा

गाजा युद्धविराम की बातचीत खत्म होने के बाद अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि युद्ध को खत्म करने के लिए इजराइल को गाजा पर परमाणु बम गिराना चाहिए और आक्रामकता में जो कुछ भी आवश्यक लगता है वह करना चाहिए. उन्होंने इसकी तुलना दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराए जाने से की है. लिंडसे ग्राहम ने जापान पर परमाणु बम गिराने के फैसले को सही और उस वक्त के लिए जरूरी ठहराया है. यानी परमाणु हथियारों की जो गूंज रूस और ईरान की तरफ से सुनाई दे रही थी, वैसे स्वर अब पश्चिमी मुल्कों से भी उठने लगे हैं.

1945 में जापानी शहर हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम में करीब 2 लाख से अधिक लोगों को मौत हुई थी. अब गाजा युद्ध में इस तरह के एक्शन की मांग की जा रही है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में इजराइल के मंत्री अमिहाई एलियाहू ने भी गाजा पर परमाणु बम गिराने की मांग की थी. गाजा युद्ध के बाद मध्यपूर्व में परमाणु हथियारों पर चर्चा बढ़ गई है जोकि यूएन के न्यूक्लियर फ्री मिडिल ईस्ट गोल के खिलाफ है.

क्या फिलिस्तीन कर सकता है पलटवार?

फिलिस्तीन दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास अपनी सेना नहीं है. फिलिस्तीन दो हिस्सों में विभाजित है, जिसके एक हिस्से यानी गाजा पर हमास का कब्जा है. पूरी लड़ाई मुख्य रूप से गाजा में ही है. हमास के पास ईरानी मदद से बने रॉकेट और कुछ हथियार हैं लेकिन ये हथियार इजराइल को बहुत छोटे पैमाने पर नुकसान पहुंचाने में ही सक्षम हैं. हमास के पास किसी भी बड़े हमले से बचने के लिए कोई हवाई रक्षा प्राणाली मौजूद नहीं है.

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फिलिस्तीन उन 50 देशों में भी शामिल है, जिन्होंने UN की ट्रीटी ऑन द प्रोहिबिशन ऑफ न्यूक्लियर वेपन(TPNW) पर साइन किए हुए हैं. इस ट्रीटी का मकसद दुनिया को न्यूक्लियर वॉर से फ्री करना है. यानी फिलिस्तीन में चलने वाली जिस सरकार पश्चिमी देश भी मान्यता देते हैं, वो परमाणु हथियारों के खेल से काफी दूर रहती है. जबकि गाजा पर राज करने वाला हमास जरूर अन्य मुल्कों की सहायता से कोई न कोई एक्शन लेता रहता है. हमास को अगर ईरान जैसे देशों से परमाणु हथियारों की मदद मिले तो ही किसी विकट स्थिति से निपटने के लिए गाजा की तरफ से पलटवार हो सकता है, अन्यथा ऐसी कोई संभावना दूर-दूर तक नहीं है.

दुनिया भर में बढ़ी परमाणु बम पर चर्चा

मिडिल ईस्ट ही नहीं पूरी दुनिया में परमाणु युद्ध को लेकर बात होने लगी हैं. हाल ही में रूस ने टेक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों की ड्रिल भी शुरू कर दी है, उधर ईस्ट एशिया में नॉर्थ कोरिया पहले से ही अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर तेजी से काम कर रहा है. इजराइल से तनाव के बाद ईरान के एक सांसद ने कहा था कि ईरान सुप्रीम लीडर के आदेश का इंतजार कर रहा है और वो एक हफ्ते के अंदर न्यूक्लियर पावर बन जाएगा. ईरान के इस एलान के बाद सऊदी अरब ने भी इच्छा जाहिर की थी कि अगर ईरान परमाणु हथियार बना लेता है तो सऊदी अरब भी अपनी सुरक्षा के लिए न्यूक्लियर प्रोग्राम शुरू करेगा.

जानकार जंग के बुरे दौर से गुजर रही दुनिया के लिए इन बयानों को एक बड़े विनाश का संकेत मान रहे हैं. हालांकि, अमेरिका और इजराइल के मंत्रियों के बयानों की दुनिया भर से कड़ी निंदा देखने को मिली है.

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