श्री सोलापुरी माता पूजा में काली माता के स्वरूप में भक्तों…- भारत संपर्क



बिलासपुर के स्टेशन रोड, बाराह खोली चौक में रजत जयंती वर्ष में आयोजित श्री सोलापुरी माता पूजा उत्सव अब समापन की ओर बढ़ रहा है। शनिवार को यहां पुजारी पार्थ सारथी ने गीली हल्दी से मां काली स्वरूप में सोलापुरी माता की स्थापना की। मां काली देवी दुर्गा का उग्र स्वरूप है, जिन्होंने असुरों के संहार के लिए यह रूप धरा था। मां काली का यह रूप बुराई अज्ञान और अहंकार के विनाश का प्रतीक है । देवी जहां शक्ति की प्रतीक है तो वही विनाश की भी। तंत्र साधक मां काली की उपासना करते हैं। वैसे तो देशभर में मां काली के कई प्रसिद्ध मंदिर है लेकिन कोलकाता के कालीघाट और दक्षिणेश्वर काली की महिमा ही निराली है।

इसी मां काली की प्रतिमा पुजारी पार्थ सारथी ने बाल पुजारियो की मदद से निर्मित की। हर दिन की तरह डफली की स्वर लहरी के बीच वैदिक मंत्रोचार के साथ देवी की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात यहां महा आरती हुई जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय और अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इस दिन देवी को पूरी और सब्जी का भोग अर्पित किया गया, जिसे प्रसाद के रूप में सबके बीच वितरित किया गया। शनिवार को अतिथि के रूप में महापौर पूजा विधानी और फाउंडेशन क्रिकेट अकादमी के प्रिंस भाटिया पहुंचे जिन्होंने लकी ड्रॉ निकाल कर विजेताओं को उपहार दिया
आज महाकुंभम

10 दिनों तक मां सोलापुरी के अलग-अलग स्वरूप में स्थापना कर उनकी पूजा अर्चना की गई। इस दौरान उन्हें हर दिन अलग-अलग प्रकार का भोग अर्पित किया गया, लेकिन भक्तों को लगता है कि यह पर्याप्त नहीं है। इसलिए आयोजन के अंतिम दिन उन्हें महाकुंभम का महा भोग अर्पित किया जाता है। इसकी विधि भक्तों को रोमांचित करती है । इस वर्ष महाकुंभम पूजा के यजमान वॉयरलैस कॉलोनी निवासी जी काशीराव, जी कमला, जी संतोष और जी अंतरा है ,जिनके निवास पर विशाल आकार के महाप्रसाद तैयार किए जाएंगे, जिनमें इडली, दोसा, बड़ा चंद्रकांतालु, बुरलू, पुलियाराम, चना और न जाने क्या कुछ होगा। इसी प्रसाद को थालियो में सजाकर दोपहर में शोभायात्रा निकलेगी। आतिशबाजी और डफली के साथ सर पर महाप्रसाद की थालियां लिए महिलाएं शोभायात्रा के साथ पूजा पंडाल पहुंचेगी, जहां देवी के समक्ष आसान सजाकर 5 क्विंटल चावल और विभिन्न व्यंजनों का महाप्रसाद उन्हें अर्पित किया जाएगा। प्रतीक स्वरूप उन्हें मुर्गा भी समर्पित किया जाएगा । भोग अर्पित कर भोग की ढेरी में जगह-जगह कपूर प्रज्वलित कर विशेष विधि विधान के साथ देवी की पूजा अर्चना की जाएगी। बाद में यही भोग प्रसाद के रूप में हजारों भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। देवी को महाकुंभम का प्रसाद अर्पित करने के बाद पूजा पंडाल में ही भंडारे का भी आयोजन होगा जिसमें हजारों श्रद्धालु सम्मिलित होंगे।

आज वापसी यात्रा भी
करीब 10 दिन पहले श्री त्रिपुर सुंदरी मां मरी माई मंदिर से शोभा यात्रा निकालकर मां सोलापुरी की स्थापना की गई थी। इस रविवार शाम को वापसी यात्रा होगी। मां सोलापुरी उसी रास्ते से वापस त्रिपुर सुंदरी मा मरी माई मंदिर लौटेंगी, जिस रास्ते से वह शुक्रवार को आई थी। इस वापसी यात्रा में भी देवी का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। रास्ते में जल का छिड़काव कर साड़ियां बिछाई जाएगी। जगह-जगह तोरण द्वार बनाए जाएंगे। कई स्थानों पर शरबत आदि का वितरण किया जाएगा। देर रात यह वापसी शोभायात्रा लोको कॉलोनी स्थित त्रिपुर सुंदरी मां मरी माई मंदिर पहुंचेगी, जहां देवी का प्रतीकात्मक विसर्जन होगा। सोमवार को राटा पूजा के साथ आयोजन का समापन होगा।

यह रहे लकी ड्रा के विजेता
पूजा पंडाल पहुंचने वाले बच्चों और महिलाओं को आयोजन समिति की ओर से निःशुल्क कूपन का वितरण किया जाता है, जिसका लकी ड्रॉ निकालकर हर दिन यहां विशेष उपहार प्रदान किए जाते हैं । शुक्रवार को अतिथि बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, डॉक्टर रजनीश पांडे, रेल अधिकारी नवीन सिंह और पूर्व महापौर रामशरण यादव द्वारा लकी ड्रा निकाला गया।
कुमकुम पूजा लकी ड्रा के विजेता जी दमयंती, एम राधिका , कल्याणी लता राव, सरोज, के महालक्ष्मी, त्रिवेणी, एम रतनालू, महेश्वरी , ज्योति यादव, रमैया, श्रावणी, लक्ष्मी और आशा प्रधान रही, तो वही बच्चों की श्रेणी में ईशान, चरण और सान्वी मौर्य विजेता रही। महिलाओं में रेवती, एम सरस्वती और के नागमणि विजेता रही, जिन्हें चांदी का फोटो फ्रेम उपहार में दिया गया। बच्चों को स्टेशनरी सामग्री दी गई तो वहीं कुमकुम पूजा की विजेता महिलाओं को चांदी का सिंदूरदान मिला।
Post Views: 2
