महाकाल सेना के शोभायात्रा में शामिल पुणे के ढोल ताशा पथक…- भारत संपर्क

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महाकाल सेना के शोभायात्रा में शामिल पुणे के ढोल ताशा पथक…- भारत संपर्क

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर में धार्मिक आयोजन के नाम पर जमकर गुंडागर्दी की गई। अब इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दरअसल महाशिवरात्रि पर रेलवे क्षेत्र में महाकाल सेना और इसके संस्थापक तामेश कश्यप द्वारा विविध आयोजन किया गया था। आयोजन के अंतिम दिन 10 मार्च रविवार को महाकाल सेना द्वारा शहर में रैली निकाली गई, जिसमें महाराष्ट्र पुणे से ढोल बजाने वाले 50 युवतियों सहित ढोल ताशा पथक टीम को भी बुलाया गया था। यह शोभायात्रा जब गोल बाजार क्षेत्र पहुंची थी कि इसी दौरान हंगामा मच गया। दावा किया जा रहा है की कथित तौर पर इस दौरान कुछ युवकों ने ढोल बजाने वाली युवतियों से छेड़खानी कर दी, जिसके बाद बैंड में शामिल युवतियों और उनके साथी पुरुषों ने स्थानीय युवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। इस वजह से पूरे क्षेत्र में हंगामा मच गया। मारपीट की वजह से शोभायात्रा तितरबितर हो गई । कुछ लोगों ने मार खा रहे युवकों को छुड़ाने का भी प्रयास किया लेकिन शोभायात्रा में शामिल युवतियों और युवकों की संख्या इतनी अधिक थी कि वे भारी पड़ने लगे और कुछ युवकों की जमकर पिटाई कर दी गयी। इधर इस मारपीट का कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया जो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

कुछ लोगों ने बताया कि शोभायात्रा के साथ पुलिस भी थी, जिन्होंने बहुत मुश्किल से पिट रहे युवकों को महाराष्ट्र के ढोल बजाने वालों से बचाया। पुणे के बैंड बाजा वालो ने कथित तौर पर छेड़खानी करने वाले युवकों को ढोल समझकर उन्हें जमकर पिटा। इधर पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक उन्हें प्रार्थी पक्ष की कोई शिकायत नहीं मिली है, इस कारण से कोई कार्रवाई नहीं की गई है , शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। वहीं पुलिस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर भी कार्यवाही कर सकती है।

बिलासपुर में धार्मिक आयोजन के नाम पर इस तरह का हंगामा होना शर्मनाक है। जाहिर है कि इसके पीछे आयोजको की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। अगर बदमाशों ने छेड़छाड़ की भी है तो उन्हें नियम अनुसार पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए था । इस तरह से कानून को हाथ में लेकर भरे बाजार गुंडागर्दी और मारपीट करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। शायद आयोजकों की बड़ी संख्या से ही ढोल बजाने वालों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने बिलासपुर के युवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और फिर बिना किसी पुलिस कार्यवाही के ही वापस पुणे भी आराम से लौट गए । शहर में बिना अनुमति शोभायात्रा निकालने और डीजे धुमाल या ढोल समूह को बुलाने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। यही कारण है कि प्रशासन चाहता है कि इस तरह के आयोजन से पहले अनुमति ली जाए, तो वही नैतिक रूप से इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी भी आयोजको की ही बनती है, जिसे लेकर अब तक उनका कोई पक्ष सामने नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि 10 मार्च रात की घटना के बाद पुलिस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर क्या कार्रवाई करती है।

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