HMPV और COVID-19 वायरस में अंतर – HMPV vs COVID-19

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HMPV और COVID-19 वायरस में अंतर – HMPV vs COVID-19

क्या यह वायरस COVID-19 की तरह खतरनाक हो सकता है? दोनों में क्या समानताएं हैं? इसके लक्षण क्या हैं, और विशेषज्ञों ने अब तक क्या कहा है? क्या HMPV के लिए कोई टीका है? लोगों के मन में ऐसे कई सवाल आ रहे हैं।

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के प्रकोप ने ग्लोबल स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। भारत समेत कई अन्य देश इस वायरस और इसके प्रसार पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। लेकिन क्या असल में यह चिंताजनक है? क्या यह वायरस COVID-19 की तरह खतरनाक हो सकता है? दोनों में क्या समानताएं हैं? इसके लक्षण क्या हैं, और विशेषज्ञों ने अब तक क्या कहा है? क्या HMPV के लिए कोई टीका है? लोगों के मन में ऐसे कई सवाल आ रहे हैं। वहीं बहुत से लोग इस वायरस की तुलना COVID-19 से कर रहे हैं (HMPV vs COVID-19)। इन सभी सवालों के जवाब दे रही हैं डॉ. अंकिता बैद्य। डॉ अंकिता मणिपाल हॉस्पिटल द्वारका, नई दिल्ली के संक्रामक रोग विभाग में कार्यकर्त्ता हैं।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक आम श्वसन वायरस है, जो ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण (जैसे सर्दी) का कारण बनता है। यह एक सीजनल बीमारी है, जो आमतौर पर सर्दियों और शुरुआती वसंत में होती है। ये रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के समान है।

क्या हैं HMPV के लक्षण

लक्षणों के संदर्भ में, HMPV में आमतौर पर बुखार, गले में खराश, नाक बहना, नाक बंद होना, खांसी, शरीर में दर्द और अस्वस्थता, फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कमज़ोर इम्युनिटी के चलते छोटे बच्चे और बुज़ुर्ग HMPV संक्रमण के लिए विशेष रूप से अतिसंवेदनशील होते हैं।

कुछ मामलों में, उन्हें निमोनिया जैसी गंभीर जटिलताएं भी हो सकती हैं। इस संक्रमण से जुड़ी जटिलताओं के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी हो सकती है।

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HMPV virus के असर सांस की समस्या बढ़ाते हैं इसलिए मास्क जरूर पहनें। चित्र- अडोबीस्टॉक

भारत में HMPV के कितने मामले सामने आए हैं

सोमवार, 6 जनवरी को भारत में HMPV वायरस के 5 मामले सामने आए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है, की बेंगलुरु के एक अस्पताल में एक 3 महीने का और दूसरा आठ महीने का दो बच्चा वायरस से संक्रमित पाया गया है। चेन्नई में दो अन्य मामले सामने आए। अहमदाबाद में एक मामला सामने आया।

7 जनवरी से अब तक पूरे भारत में एचएमपीवी संक्रमण के 8 मामले सामने आए हैं। शुरुआत में कर्नाटक और तमिलनाडु में एचएमपीवी के मामले सामने आए थे। उसी दिन गुजरात में एचएमपीवी का एक और मामला सामने आया। महाराष्ट्र में नागपुर से दो और मामले सामने आए। बुधवार को मुंबई में एचएमपीवी का एक और मामला सामने आया, जिससे महाराष्ट्र में एचएमपीवी के कुल मामलों की संख्या तीन हो गई।

HMPV और COVID-19 वायरस में समानताएं?

कोरोनावायरस या COVID-19 एक संक्रामक रोग है, जो SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है। HMPV वायरस और SARS-CoV-2 वायरस कुछ मायनों में समान हैं:

1. दोनों रेस्पिरेटरी प्रोब्लम हैं

दोनों वायरस सभी उम्र के लोगों में श्वसन रोग का कारण बन सकते हैं। छोटे बच्चे, बड़े वयस्कों और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका सबसे ज़्यादा जोखिम होता है।

2. दोनों में एक जैसे लक्षण दिखते हैं

COVID-19 और HMPV दोनों के लक्षण भी लगभग समान हैं। HMPV से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, बंद नाक होना और सांस लेने में तकलीफ़ शामिल हैं। ये लक्षण COVID-19 वायरस से संक्रमित लोगों में भी नजर आते हैं।

3. दोनों एक ही तरह से फैलते हैं

ये दोनों वायरस संक्रमित व्यक्ति से खांसने और छींकने से डिस्चार्ज और नज़दीकी व्यक्तिगत संपर्क के ज़रिए दूसरों में फैलते हैं। वे उन वस्तुओं या सतहों को छूने से भी फैलते हैं जिन पर वायरस होते हैं, और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं।

Neurological disorder after Covid - 19
कोविड – 19 के मरीज में ज़्यादा हो सकता है न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का जोखिम। चित्र : शटरस्टॉक

4. दोनों ठंडे मौसम में ज्यादा बढ़ते हैं

साइंस डायरेक्ट के अनुसार, COVID-19 टेंपरेचर के प्रति संवेदनशील है, और इसलिए यह सीजनल है। इसी तरह, HMPV अलग-अलग ईयरली सीजन में फैलता है। हालांकि, HMPV पूरे साल हो सकता है, लेकिन यह संक्रमण आमतौर पर ठंड के अंत से लेकर वसंत की शुरुआत तक यूनाइटेड स्टेट अमेरिका में चरम पर होता है।

HMPV और COVID-19 वायरस में अंतर (HMPV vs COVID-19)?

1. दोनों की प्रसार दर में अंतर है

COVID-19 की तुलना में HMPV वायरस का ट्रांसमिशन दर कम होता है।

2 एचएमपीवी में मृत्यु दर नहीं के बराबर है

HMPV वायरस के संक्रमण का मृत्यु दर न के बराबर होता है। वहीं COVID-19 से संक्रमित कई लोगों ने अपनी जान गवां दी।

3 कोविड में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती थी

वेंटिलेटर आमतौर पर अतिरिक्त ऑक्सीजन के साथ मरीजों के वायुमार्ग में हवा पंप करता है, जब वे अपने आप ठीक से सांस लेने में असमर्थ होते हैं। अगर फेफड़ों की कार्यक्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हो गई है, या कोविड-19 जैसी बीमारी ने आपके लंग्स को प्रभावित कर दिया है, तो वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ सकती है।

4 कोविड का असर अन्य अंगों पर भी दिखाई दिया

HMPV वायरस का संक्रमण अन्य अंगों को प्रभावित नहीं करता, पर COVID-19 वायरस हार्ट, किडनी, लंग्स और ब्लड वेसल्स को भी प्रभावित कर सकते हैं।

क्या COVID-19 की तरह HMPV को फैलने से रोकने के लिए कोई वैक्सीन है?

नहीं, COVID-19 की तरह HMPV के लिए वर्तमान में कोई टीका नहीं है, और एंटीवायरल उपचार की सिफारिश नहीं की जाती है। लेकिन मरीज़ कुछ टिप्स का पालन करके HMPV और अन्य रेस्पिरेटरी वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं:

दोनों हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें।
बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें।
जिन मरीजों को सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हैं, उन्हें खांसते और छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकना चाहिए।
दूसरों के साथ कप और खाने के बर्तन साझा करने से बचें।

HMPV virus
HMPV वायरस कई बीमारियों को जन्म देता है। चित्र – अडोबीस्टॉक

याद रखें :

HMPV के संक्रमण या संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए – हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना प्रभावी है। इस वायरस के लिए ऊष्मायन अवधि 3-6 दिन है, इसलिए लक्षणों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को संक्रमण को रोकने के लिए हर समय मास्क पहनना चाहिए।

साथ ही, अगर कोई HMPV से प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा कर रहा है, तो उन्हें आगमन पर स्वास्थ्य अधिकारियों को सक्रिय रूप से रिपोर्ट करना चाहिए। इससे संक्रमण का जल्द पता लगाने, उसे रोकने में मदद मिलती है और हमारे परिवारों और प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

भारत में एचएमपीवी का अधिक जोखिम किसे है?

एचएमपीवी वायरस एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चे, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए अधिक जोखिम भरा हो सकता है।

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