Paytm के लिए मुश्किल डगर, 15 साल लंबा सफर, आम लोगों पर क्या…- भारत संपर्क
एक समय था जब भारत में कोई बिना कैश के राशन का सामान या रोजमर्रा की साग-सब्जी बिना कैश के खरीदने के बारे में नहीं सोच सकता था. ऑटो रिक्शा आदि का किराया डिजिटल मोड में देना तो भूल ही जाएं. फिर एक नाम उभरा Paytm जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया. आज पेटीएम की मालिकाना हक वाली One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का मार्केट कैपिटलाइजेशन 38,600 करोड़ रुपये है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा फैसले के बाद इसके वैल्यूएशन में 9,700 करोड़ रुपये की गिरावट आई है.
RBI ने पेटीएम पर कई तरह के बैन लगा दिए हैं. फिनटेक कंपनी 29 फरवरी के बाद नई रकम जमा नहीं कर सकती है, और 11 मार्च के बाद नए कस्टमर्स जोड़ने पर भी पाबंदी लग गई है. ऐसे में हर किसी के दिमाग में पेटीएम और उसका बिजनेस घूम रहा है. पेटीएम को चलते हुए 15 साल हो गए लेकिन इसका ऐसा बिजनेस मॉडल ऐसा नहीं था जैसा अब दिखता है.
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2009 में Paytm की एंट्री
उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के रहने वाले विजय शेखर शर्मा ने 2000 में One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की शुरुआत की. यह कंपनी मोबाइल कंटेंट के क्षेत्र में काम करती थी. विजय ने कंपनी का बिजनेस मॉडल बदलते हुए 2009 में Paytm को लॉन्च किया. विजय की लीडरशिप में पेटीएम मोबाइल कंटेंट से अलग हटकर डिजिटल ट्रांजेक्शन का बेताज बादशाह बन गया.
Paytm में फंडिंग
2 मिलियन डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ पेटीएम ने नोएडा में काम करना शुरू किया. 2011 में कंपनी को सफायर वेंचर्स से 10 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली, जबकि 2015 में चाइनीज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप ने पेटीएम ने बड़ा निवेश किया.
अलीबाबा की एफिलिएट कंपनी Ant फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप ने पेटीएम के 40 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमाया. कंपनी को सॉफ्टबैंक और बर्कशायर हैथवे जैसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स का भी साथ मिला, जिससे कंपनी को वैल्यूएशन बढ़ाने में काफी मदद मिली.
Paytm का बिजनेस
पेटीएम ने 2012 में पेमेंट गेटवे की सुविधा देनी शुरू की. इसके बाद 2014 में कंपनी ने पेटीएम वॉलेट लॉन्च किया, जो पेटीएम बिजनेस का टर्निंग पॉइंट बन गया. डिजिटल इंडिया के नारे को बुलंद करते हुए पेटीएम ने लोगों को कैशलेस पेमेंट करने की सुविधा दी. 2015 में पेटीएम ने QR कोड, मूवी टिकट और बिल पेमेंट आदि जैसे सुविधाएं देने शुरू कर दी.
2017 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक, पेटीएम गोल्ड, इवेंट्स टिकट और पेटीएम फास्टैग जैसी सर्विस जारी की गईं. बाद के सालों में पेटीएम साउंडबार, UPI लाइट, पेटीएम एसबीआई क्रेडिट कार्ड जैसी चीजों ने भी एंट्री मारी.
Paytm के शेयरहोल्डर्स
पेटीएम के एमडी विजय शेखर शर्मा 19.40 फीसदी शेयरहोल्डिंग के साथ इसके सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं. इसमें एंटफिन (नीदरलैंड्स) होल्डिंग की 9.89 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका जुड़ाव चीन से है.
पेटीएम के टॉप 10 शेयरहोल्डर्स-
नोटबंदी के दौरान Paytm
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया. कैश की कमी से जूझते लोगों को डिजिटल लेनदेन करने के लिए बढ़ावा दिया गया. उस दौरान पेटीएम ने पीएम मोदी का फोटो छापकर इस पहल की तारीफ की थी. पेटीएम का ये एड काफी पॉपुलर हुआ, और कई लोगों ने इस एड पर जमकर निशाना साधा.
Utterly shameful. Do people want their PM to model for pvt cos? Tomo, if these cos do wrongdoings, who will act against them?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 10, 2016
इस सबके बावजूद पेटीएम का चर्चित कैंपेन ‘पेटीएम करो’ पूरे देश में हिट हो गया. इसने पेटीएम को जबरदस्त पॉपुलैरिटी दी.
Paytm का IPO
नवंबर 2021 में पेटीएम ने सफलतापूर्वक IPO निकाला. इससे कंपनी को 18,300 करोड़ रुपये का मोटा फंड मिला है. यह भारत के सबसे कामयाब IPO में से एक रहा. इसके बाद पेटीएम का वैल्यूएशन 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह इन्वेस्टमेंट बताता है कि उस दौरान निवेशकों ने भारत के तेजी से बदलते फाइनेंशियल मार्केट में पूरा विश्वास जताया.
Paytm के यूजर्स
पेटीएम का इस्तेमाल केवल पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं किया जाता है. इससे आप फोन रिचार्ज, बिजली के बिल की पमेंट, गोल्ड पर्चेज, म्युचुअल फंड खरीदने जैसे काम कर सकते हैं. हालांकि, पेटीएम केवल यहीं तक सीमित नहीं है.
देश के छोटे-मोटे दुकानदार पेटीएम की मर्चेंट सर्विस इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा कई कंपनियां ऑनलाइन पैसा काटने के लिए अपनी वेबसाइट्स-ऐप पर पेटीएम का पेमेंट गेटवे यूज करती हैं. इस तरह आम आदमी से लेकर बिजनेस के लिए भी पेटीएम काफी अहमियत रखता है.
आम लोगों पर क्या असर होगा?
RBI ने जो बैन लगाया है, उसे देखते हुए इन्वेस्टर्स से लेकर आम पेटीएम यूजर्स भी परेशान हैं. हालांकि, कंपनी के एमडी विजय शेखर शर्मा ने साफ किया कि इस बैन का ज्यादा असर नहीं होगा, और कंपनी आरबीआई के आदेशों का अनुपालन करेगी.
विजय ने बताया कि RBI की पाबंदी केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर है. इसलिए कंपनी दूसरे बैंक के साथ मिलकर यूजर्स को सर्विस देना जारी रखेगी. वहीं, पेटीएम के COO भावेश गुप्ता कहते हैं कि इक्विटी और इंश्योरेंस पर बैन का असर नहीं होगा.
पेटीएम का प्लान फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देना है. बीते साल पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) स्टार्टअप में निवेश के लिए 30 करोड़ रुपये का ‘VSS इन्वेस्टमेंट फंड’ लॉन्च किया है.
फिलहाल, पेटीएम का मार्केट कैपिटलाइजेशन तेजी से घट रहा है, लेकिन पेटीएम फाउंडर्स ने ताजा बयान देकर आगे बढ़ने का इरादा जाहिर किया है. अब देखना होगा कि निवेशक 38,600 करोड़ रुपये मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर कितना भरोसा करते हैं.