Thanda paani peene ke nuksaan,- ठंडा पानी पीने के नुकसान
आमतौर पर समर्स में प्यास बुझाने के लिए हर वक्त पिया जाने वाला चिल्ड पानी शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होने लगता है। जानते हैं धूप से घर लौटते ही ठंडा पानी पीने के कुछ नुकसान और पानी पीने का सही तरीका भी
गर्मी के मौसम में तापमान में बढ़ोतरी के चलते बार बार प्यास लगने की समस्या का सामना करना पड़ता है। बाहर से लौटते ही अक्सर लोग प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की तलाश करते हैं और घूंट घूंट कर एक साथ ज्यादा मात्रा में ठंडा पानी पी जाते हैं। आमतौर पर समर्स में प्यास बुझाने के लिए हर वक्त पिया जाने वाला चिल्ड पानी शरीर के लिए नुकसानदायक भी साबित होने लगता है। जानते हैं धूप से घर लौटते ही ठंडा पानी पीने के कुछ नुकसान और पानी पीने का सही तरीका भी।
धूप से लौटने के बाद क्यों न करें ठंडे पानी का सेवन
इस बारे में एम डी आयुर्वेद, डॉ मिथुन रमेश पवार बताते हैं कि ठंडा पानी पीने के शरीर को नुकसान का सामना करना पड़ता है। इससे डाइजेशन स्लो होने लगता है और कफ दोष बढ़ जाता है, जिससे मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ता है। हर व्यक्ति के शरीर में पानी की आवश्यकता अलग अलग होती है। ऐसे में जब भी प्यास लगे, तो अवश्य पानी पीएं और धूप से लौटने के बाद ठंडा पानी पीने से परहेज करे। इसके अलावा एक ही वक्त में ज्यादा मात्रा में पानी पीने की जगह सिप सिप कर पानी पीने की आदत डालें।
पानी का सेवन कब करें और कब नहीं
डॉ मिथुन रमेश पवार का कहना है कि वे लोग जो खाना खाने से पहले पानी का सेवन करते हैं। उससे उनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने लगता है। इसके अलावा कुछ लोग जो पोसट मील यानि खाने के बाद पानी पीते हैं, उससे मोटापा बढ़ने लगता है। ऐसे में खाने के बीच में पानी पीने से बॉडी वेट को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। पानी के अलावा शरीर को निर्जलीकरण से बचाने और हेल्दी रखने के लिए शिकंजी, सौंफ का पानी और अजवाइन का पानी पी सकते हैं।
जानते हैं ठंडा पानी पीने के कुछ नुकसान
1. नेज़ल म्यूकस में थिकनेस का बढ़ना
ठंडा पानी पीने से गले में खराश और बलगम की समस्या बढ़ जाती है। एक्सपर्ट के अनुसार ठंडा पानी पीने से म्यूकस का उत्पादन बढ़ने लगता है, जो फ्लू और सर्दी के लक्षणों को बढ़ा देता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार 15 लोगों के एक समूह ने ठंडे पानी का सेवन किया। इससे नेज़ल म्यूकस में थिकनेस बढ़ जाती है, जिससे रेसपीरेटरी ट्रैक में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
2. सिरदर्द का बढ़ना
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 669 महिलाओं के समूह पर किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि उनमें से 7.6 फीसदी लोगों में सिरदर्द की समस्या को पाया गया। 150 मिली लीटर आइस कोल्ड वॉटर पीने से एक्टिव माइग्रेन के मरीजों के अलावा अन्य लोगों ने भी सिरदर्द की समस्या का सामना किया। दरअसल, गर्मी से लौटकर ठंडा पानी पीने से दिमाग की नसों पर भी उनका प्रभाव दिखने लगता है।
3. पाचनतंत्र में गड़बड़ी
ठंडा पानी पीने से ब्लड वेसल्स में कान्टरैक्शन बढ़ने लगती है। इससे अपच की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, गर्मी से लौटने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में ठंडे पानी के सेवन से शरीर के अंग बॉडी टेम्परेचर को रेगुलेट करने लगते है, लिससे डाइजेशन स्लो होने लगता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में ठंडा पानी पीने से मोटापे की समस्या भी बढ़ने लगती है।
4. हृदय संबधी समस्याओं का खतरा
गर्मी से लौटकर एक दम से ठंडा पानी पीने से हृदय गति बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ जाती है और सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ठंडे पानी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ब्लड वेसल्स प्रभावित होती है और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
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