जज्बा के स्वैच्छिक रक्तदान शिविर पर अपने जज्बे का दानदाताओं…- भारत संपर्क


गर्मी के इस शुष्क मौसम में केवल धरती के नीचे का पानी ही नहीं सूखता, बल्कि शहर के ब्लड बैंक भी ड्राई हो जाते हैं। हालात इस कदर भयावह है कि ब्लड बैंक में सहज सुलभ ओ पॉजिटिव रक्त भी नहीं है। ऐसे में आम मरीजों के साथ थैलेसीमिया पीड़ीत उन 120 बच्चों के प्राण भी संकट में आ जाते हैं जिन्हें नियमित रक्त की आवश्यकता होती है। इसे ही ध्यान में रखते हुए विश्व थैलेसीमिया दिवस पर इस रविवार को विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

जज्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के साथ इस अभियान को शाहेदा फाउंडेशन और ख्वाब वेलफेयर फाउंडेशन का भी सहयोग मिला। बिलासपुर के इमलीपारा स्थित होटल में आयोजित रक्तदान शिविर में रिकॉर्ड 853 यूनिट ब्लड कलेक्शन किया गया, जिन्हें प्रमुखता से उन 120 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को दिया जाएगा जिन्हें नियमित रक्त की आवश्यकता होती है।

शिविर आयोजित करने और स्वेच्छा से रक्तदान करने पहुंचे दानदाताओं के उत्साहवर्धन के लिए यहां कलेक्टर अवनीश चरण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात नीरज चंद्राकर के साथ तहसीलदार अतुल वैष्णव भी पहुंचे। अतिथियों द्वारा संस्था के कार्यकर्ताओं और दानदाताओं को सम्मानित किया गया। पुरुषों के साथ रक्तदान में भी बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाने वाली महिलाओं की भी विशेष रूप से सराहना की गई । एडिशनल एसपी चंद्राकर ने कहा कि जिस तरह से रक्तदान से दूसरों की जिंदगी बचाई जा सकती है उसी तरह से लोग यह भी संकल्प ले कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन कर अपने और परिवार की जिंदगी की भी रक्षा करेंगे।

जज्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक संजय मटलानी ने बताया कि उनके द्वारा नियमित रूप से इस तरह के शिविर का आयोजन किया जाता है। खासकर गर्मी के इस मौसम में सभी ब्लड बैंक ड्राई हो जाते हैं और रक्त की अत्यंत आवश्यकता होती है , क्योंकि गर्मी के मौसम में लोग रक्तदान करना नहीं चाहते, इसलिए इस गर्मी में भी जिन लोगों ने बढ़-चढ़ कर रक्तदान किया है उन सब के पति उन्होंने आभार जताया। साथ ही उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को निशुल्क मिलने वाला डेसीरॉक्स टैबलेट की सरकारी सप्लाई पिछले 8 महीने से बंद है , जिसकी कीमत ₹1600 है। उन्होंने कलेक्टर अवनीश शरण से भी यह दवा निशुल्क उपलब्ध कराने की गुहार लगाई ताकि गरीब परिवारों को आसानी से यह उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर शिविर को सहयोग करने कई विशिष्ट जन और थैलेसीमिया पीड़ित करीब 28 बच्चे भी शामिल हुए।

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