पाली में तनाव बरकरार, रामनवमी शोभा यात्रा को लेकर संशय- भारत संपर्क

पाली में तनाव बरकरार, रामनवमी शोभा यात्रा को लेकर संशय
कोरबा। एसईसीएल की सराईपाली खदान और नगर पंचायत पाली में कोयला व्यापार को लेकर वर्चस्व की लड़ाई में गैंगवार के 48 घण्टे के बाद भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि स्थिति नियंत्रित बताई जा रही है। सरायपाली खदान में 28 मार्च की रात में घटित घटना में रोहित जायसवाल के मर्डर होने के बाद से कानून व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी स्वयं पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखे हुए हैं। रोहित की हत्या की खबर फैलते ही रात में ही उसके समर्थक और लोगों ने आरोपी के घरों में हमला कर तोडफ़ोड़ आगजनी तथा कुछ परिजनों की पिटाई कर दी थी, जिसे देखते हुए उनके घरों के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं नगर में अभी भी चौक चौराहों पर पुलिस की तैनाती है। घटना के 48 घण्टे बाद भी अधजली, क्षतिग्रस्त वाहन मौके पर ही पड़े है, जो लोगों के आक्रोश को बताने के लिए काफी है। हालांकि पाली नगर में दिनचर्या सामान्य है। नगर पंचायत में पिछले 3 साल से श्री रामनवमी के पर्व पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता रहा है। जिसमें पाली में सभी दल, सर्वधर्म और आसपास के ग्रामों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह पाली नगर का सबसे बड़ा आयोजन बन गया है। आयोजन में उक्त दोनों पक्ष की भूमिका भी बड़ी रहती है। वर्तमान घटना के कारण शोभायात्रा के आयोजन की तैयारी पर ब्रेक लग गया है। वहीं इसके आयोजन को लेकर संशय भी बरकरार है। कानून व्यवस्था को देखते हुए इसकी अनुमति मिलने की संभावना कम दिख रही है। यदि अनुमति मिल भी जाती है तो आयोजन समिति किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी नहीं लेगी। इन सब कारण से रामनवमी के आयोजन पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। दोनों पक्षों की ओर से पाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस उन पर कार्रवाई कर रही है। जिला पुलिस अधीक्षक श्री तिवारी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि कानून अपना काम करेगा। जो भी दोषी होंगे, उन्हें बक्शा नहीं जाएगा। किसी को कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा। जहां जायसवाल परिवार अपने बेटे की मौत से गमजदा है तो वही आरोपी के घर परिवार के लोग भी खौफजदा हैं। नगर पंचायत पाली के इतिहास में इतनी बड़ी घटना कभी घटित नहीं हुई है। बचपन से एक साथ खेलने कूदने वाले साथी आज एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। लोगों ने कहा कि पाली नगर के लिए य़ह एक कलंक की तरह है। शांतप्रिय शिव की नगरी पाली में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सामूहिक प्रयास और पहल की आवश्यकता है।