ड्राइवर के बेटे ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास… कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन… – भारत संपर्क

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ड्राइवर के बेटे ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास… कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन… – भारत संपर्क
ड्राइवर के बेटे ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास... कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट ओलेग

59 वर्षीय रूसी एस्‍ट्रोनॉट ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं.

रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. ओलेग अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. ऐसा करके उन्होंने अपने ही देश के अंतरिक्ष यात्री गेन्नेडी पडल्का का रिकॉर्ड तोड़ दिया. गेन्नेडी ने अंतरिक्ष में 878 दिन बिताए थे. वहीं, ओलेग अभी भी स्पेस में बने हुए हैं. इसकी पुष्टि रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉस्मॉस ने की है.

बताया जा रहा है कि 59 वर्षीय ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो स्पेस में रहते हुए उनके 1 हजार दिन पूरे हो जाएंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए इंटरव्यू में ओलेग ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया, मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरता हूं, रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं. ओलेग धरती से करीब 427 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे हैं.

कौन हैं रिकॉर्ड बनाने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट ओलेग?

21 जून, 1964 को तुर्कमेनिस्तान में जन्मे ओलेग को बचपन से अंतरिक्ष को समझने में दिलचस्पी थी. उनके पिता दिमित्री इवानोविच एक कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे और मां ताइसिया तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट पर कम्युनिकेशन ऑपरेटर थीं. ओलेग ने इसी देश से हाईस्कूल किया. इसके साथ स्थानीय भाषा में सर्वाधिक नम्बर पाने का कीर्तिमान हासिल किया.

एडमिशन पाने के लिए दुकान पर काम किया

स्कूली पढ़ाई के बाद अपने सपने को साकार करने के लिए खारकोव एविएशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन पाने की कोशिश की, लेकिन दाखिला नहीं मिल सका. वो घर वापस आ गए और तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट एविएशन की टूल शॉप पर काम करने लगे. तैयारी के बाद उन्होंने वापस उसी संस्थान में टेस्ट दिया और सफल रहे. इस तरह ग्रेजुएट हुए और मैकेनिकल इंजीनियर बने.

कब और कैसे बने अंतरिक्षयात्री?

ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने रूसी स्पेस एजेंसी के डिजाइन ब्यूरो के साथ मिलकर काम करना शुरू किया. बतौर डिजाइन इंजीनियर उनके पास कई अहम जिम्मेदारियां रहीं.

29 मार्च, 1996 को उनका सेलेक्शन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर हुआ और ट्रेनिंग की शुरुआत हुई. स्पेस के प्रति उनके लगाव का नतीजा रहा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोग्राम का हिस्सा बनने के बाद अक्टूबर 1998 में उनकी इस प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग शुरू हुई. उन्होंने पहली उड़ान अप्रैल 2008 में भरी और अंतरिक्ष में 200 दिन बिताए.

इंटरनेशन स्पेस स्टेशन के लिए वर्तमान यात्रा की शुरुआत पिछले साल 15 सितंबर को हुई थी, जब उन्हें नासा के अंतरिक्ष यात्री और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉस्मॉस के अंतरिक्षयात्री के साथ लॉन्च किया गया था.

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