DU UG Admission 2025: डीयू में कैटेगरी वाइज जारी नहीं हुई सिम्युलेटेड रैंक,…

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DU UG Admission 2025: डीयू में कैटेगरी वाइज जारी नहीं हुई सिम्युलेटेड रैंक, जानें इससे कितनी बदलेगी कटऑफ

DU में कैटेगरी वाइज जारी नहीं हुई सिम्युलेटेड रैंकImage Credit source: Getty Images

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने अंडरग्रेजुएट (UG) कोर्सेज में दाखिले के लिए छात्रों की सिम्युलेटेड रैंक जारी कर दी है. छात्रों को ये लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट admission.uod.ac.in पर देखने को मिल जाएगी. सीयूईटी यूजी स्कोर के आधार पर डीयू में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले छात्र इस सिम्युलेटेड रैंक के माध्यम से अपनी एडमिशन रैंकिंग का अंदाजा लगा सकते हैं यानी कहने का मतलब है कि छात्रों को उनके चुने हुए कोर्स और कॉलेज में एडमिशन मिलेगा या नहीं, इसका अनुमान लगाया जा सकता है.

दरअसल, सिम्युलेटेड रैंक लिस्ट 2025 में छात्रों को उनके सीयूईटी स्कोर और कॉलेज प्रीफरेंस के आधार पर अनुमानित रैंक के साथ आवंटित सीटें देखने को मिलेंगी. अगर छात्र अपने कोर्स और कॉलेज के विकल्पों में फिर से बदलाव करना चाहते हैं तो वो ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि इसके बाद 19 जुलाई को डीयू यूजी दाखिला 2025 की पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी. इसलिए छात्र कॉलेज और कोर्स की लोकप्रियता और अपने CUET स्कोर के आधार पर सोच-समझकर चॉइस फिलिंग करें.

कैटेगरी वाइज जारी नहीं हुई सिम्युलेटेड रैंक

2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए डीयू ने सिर्फ जनरल कैटेगरी के हिसाब से सिम्युलेटेड रैंक जारी की है. ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी, एसटी या PwBD जैसी आरक्षित कैटेगरी के लिए अलग-अलग सिम्युलेटेड रैंक जारी नहीं की गई हैं. इससे इन कैटेगरी के छात्रों को अपनी वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. हालांकि अगर कटऑफ की बात करें तो ओबीसी या एससी-एसटी का एडमिशन कटऑफ जनरल कैटेगरी से थोड़ा कम जरूर हो सकता है.

कितनी सीटों पर होगा एडमिशन?

दिल्ली यूनिवर्सिटी में 50 से अधिक कोर्सों में एडमिशन के लिए करीब 71 हजार सीटें हैं और बाकी कोटे की सीटें मिलाकर करीब 85 हजार सीटों पर एडमिशन होंगे. एडमिशन के लिए हर कैटेगरी (जनरल, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी और एससी-एसटी) की कटऑफ अलग‑अलग रहती है. वैसे हर साल डीयू के टॉप कॉलेजों में आमतौर पर जनरल कैटेगरी की कटऑफ 98 से 100 पर्सेंटाइल के बीच रहती है. हालांकि आरक्षित वर्ग के कटऑफ में कुछ बदलाव जरूर देखने को मिलता है और ये कटऑफ कॉलेज वाइज भी अलग-अलग होते हैं यानी टॉप कॉलेजों का कटऑफ हाई जाता है तो मिड लेवल और लो डिमांड कॉलेजों में कैटेगरी वाइज कटऑफ कम रहता है.

ये भी पढ़ें: DU सिम्युलेटेड रैंक के बाद कॉलेज-कोर्स की वरीयता बदल सकेंगे छात्र, जानें इसको लेकर एक्सपर्ट एडवाइज

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