बिजली की अधिकतम मांग के आधार पर आएगा बिल- भारत संपर्क
बिजली की अधिकतम मांग के आधार पर आएगा बिल
कोरबा। स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) ने ऐसे घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर लगाम कसना शुरू कर दिया है, जो सिंगल फेस पर एसी जैसी इलेक्ट्रिक उपकरण प्रयोग कर रहे हैं। कंपनी उपभोक्ताओं के घरों में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाने जा रही है, जिससे अब घरेलू उपभोक्ताओं को उनके मैक्जिमम डिमांड (एमडी) के आधार पर बिल भरना है। यानी अगर लगातार तीन महीने तक अनुबंध भार से अधिक बिजली खपत होती है, तो उस उपभोक्ता का एमडी के आधार पर स्वत: ही कनेक्शन का भार बढ़ जाएगा। इस मामले में स्वीकृत भार पर भार वृद्धि प्रभार लागू होगा। इसके लिए उपभोक्ता को बिजली कंपनी किसी तरह से कोई सूचना नहीं देगी।अधिकतम भार रेग्युलराइज होने से घरेलू उपभोक्ताओं को भी फायदा है। उन्हें अब कनेक्शन का भार बढ़वाने के लिए बिजली ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे। लगातार तीन महीने में प्राप्त अधिकतम मांग को स्वीकृत भार के रूप में पुन: स्थापित कर दिया जाएगा। इसके लिए कोई सुरक्षा चार्ज उपभोक्ताओं को जमा नहीं करना पड़ेगा। लगातार तीन महीने बढ़े भार का बिल आने पर घरेलू उपभोक्ता के लिए निर्धारित यूनिट रेट भी एमडी के आधार पर बढ़ जाएगा। यानी 100 यूनिट से अधिक एमडी आने पर उसे 100 से ऊपर के भार का रेट 100-200 यूनिट पर निर्धारित टैरिफ से बिल भरना होगा। सीएसपीडीसीएल ने अब मीटर को कम्प्यूटर प्रणाली के रूप में बदल दिया है, जिसमें ऑटो रेग्युलराइज सिस्टम से काम करता है। घरेलू उपभोक्ताओं को पैनल चार्ज नहीं लगेगा।