सरकारी दफ्तर में 10 करोड़ का गबन! कर्मचारियों ने बैंक अधिकारी से मिलकर उड़ा… – भारत संपर्क

मध्य प्रदेश में शासकीय खजाने में 10 करोड़ रुपये के गबन का बड़ा मामला सामने आया है. बीज प्रमाणीकरण संस्था के कुछ कर्मचारियों ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश कर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने गबन की गई राशि का इस्तेमाल जमीन खरीदने और अन्य संपत्तियों में किया.
डीसीपी (जोन-3) रियाज इकबाल ने बताया कि आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडीआर) को तोड़कर धनराशि निकाली. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की इमामीगेट शाखा में जमा की गई दो एफडीआर को फर्जीवाड़े के जरिए भुनाया गया. बीज प्रमाणीकरण संस्था के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों बीडी नामदेव और वरुण कुमार ने लेखा सहायक दीपक पंथी और बैंक मैनेजर नोयल सिंह के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया.
धोखाधड़ी का तरीका
बैंक मैनेजर नोयल सिंह ने एफडीआर को तोड़ने के लिए फर्जी दस्तावेज और सील का उपयोग किया. एफडीआर से 5-5 करोड़ रुपये की दो डीडी बनाई गईं, जिन्हें यश बैंक के सेल्समैन धनंजय गिरी की मदद से बिना सत्यापन स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद यह राशि 50 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई.
ऑडिट में हुआ खुलासा
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने ऑडिट के दौरान 10 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता लगाया. इसकी जांच में सामने आया कि गबन की गई राशि से जमीनें खरीदी गई थीं. पुलिस ने 6 करोड़ रुपये की जमीन की रजिस्ट्री, 97 लाख रुपये नकद और फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं.
पुलिस ने मुख्य आरोपी बीडी नामदेव सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. अन्य आरोपियों में यश बैंक का सेल्समैन धनंजय गिरी, लेखा सहायक दीपक पंथी और राजेश शर्मा शामिल हैं. एक आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है.
गिरफ्तारी और बरामदगी
अब तक पुलिस ने कुल 8.97 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं. आरोपियों ने जमीनों पर शासन की राष्ट्रीय पशु संवर्धन योजना के तहत करोड़ों का लोन लेने की योजना बनाई थी, लेकिन एसआईटी ने समय रहते उनकी साजिश को पकड़ लिया. पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी हुई है और अन्य खाताधारकों की भी जांच की जा रही है. मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस की विशेष टीम लगातार काम कर रही है.