ताज नगरी शर्मसार! निर्वस्त्र पड़ी रही इंजीनियरिंग की छात्रा, लोग बनाते रहे … – भारत संपर्क
सांकेतिक तस्वीर
उत्तर प्रदेश के आगरा में रविवार को उस वक्त इंसानियत शर्मसार हो गई जब एक निर्वस्त्र लड़की बेसुध हालत में सड़क पर पड़ी रही और उसकी मदद करने कोई आगे नहीं आया. हद तो तब हो गई जब लड़की की ऐसी हालत में कुछ लोग उसकी वीडियो बनाने लगे. इसके बाद वहां पहुंची मनोचिकित्सक ने इंजीनियरिंग कर रही छात्रा को उठाया और उसकी मदद की. लड़की को प्राथमिक उपचार देने के बाद मनोचिकित्सक अपने हॉस्पिटल ले गई. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई.
जानकारी के मुताबिक आगरा के खंदारी मऊ रोड के भीड़-भाड़ वाले इलाके में इंजीनियरिंग की छात्रा आई. छात्रा दो बैंग लिए यहां पहुंची थी. वह एक चाय की दुकान के पास पहुंची और बैग उतारकर फेंक दिए. इसके बाद छात्रा ने एक-एक करके अपने कपड़े उतार दिए. लड़की पूरी तरह से निर्वस्त्र हो गई. छात्रा को आस-पास खड़े कई लोग रोकना चाहते थे लेकिन पुलिस की कार्रवाई के डर से कोई आगे नहीं आया.
इसी बीच कुछ मनचले वहां से गुजरे और बेसुध पड़ी छात्रा का वीडियो बनाने लगे. पास में ही मनोचिकित्सक डॉ. प्रिया श्रीवास्तव का भी क्लीनिक था, एक महिला के साथ ये होते देखकर उनका मन दुखी हो गया और वह मदद के लिए बाहर आईं. डॉ. प्रिया ने आगरा के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस को कॉल करके सारा वाक्या बताया. नरेश पारस ने उनसे कहा कि आप लड़की को दो फीमेल स्टाफ भेजकर कपड़े पहनाए और तुरंत अपने क्लीनिक ले आए,वह पहुंच रहे है.
बेसुध लड़की को ले गईं हॉस्पिटल
डॉ. प्रिया ने ऐसा ही किया और तुरंत लड़की को बेसुध हालत में हॉस्पिटल के अंदर ले जाया गया और उसे कपड़़े पहनाए गए. छात्रा वहीं पर सो गई और गहरी नींद में चली गई. इसी बीच नरेश पारस पहुंचे और खंदारी पुलिस से कहा कि इस लड़की की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है इसे मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना है. पुलिस ने पूरे मामले में आनाकानी शुरू कर दी और मामले को दूसरे थाने का बताया. जब एसीपी सुकन्या शर्मा को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने तुरंत न्यू आगरा थाने से दो महिला पुलिस कर्मियों को भेजा. बाद में चार प्रशिक्षु महिला दरोगा और 2 सिपाही भी घटनास्थल पर पहुंच गईं.
जागते ही फिर काटा बवाल
छात्रा हॉस्पिटल में करीब 3 घंटे बाद जागी तो आक्रोशित होकर पूछने लगी कि उसे कौन हॉस्पिटल लेकर पहुंचा. काफी समझाने के बाद भी छात्रा वॉशरूम के बहाने हॉस्पिटल से भाग गई और बड़ी मुश्किल में उसे वापस लाया जा सका. काफी हंगामे के बाद पुलिस उस युवती को अपने साथ जीप में बिठाकर मानसिक आरोग्य संस्थान ले गई और वहां भर्ती कर दिया. जो दो बैग लड़की ने वहां फेंक दिए थे जब उनको चेक किया गया तो उनमें एक लैपटॉप और दो टैबलेट मिले.
लड़की के बैग में FIR की कॉपी
लड़की के बैग में ओरिजिनल शैक्षणिक प्रमाणपत्र के साथ एक एफआईंआर कॉपी भी थी. लड़की ने 11 अगस्त को पुलिस से शिकायत की थी जिसमें उसने अपने एक सीनियर के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि यह युवती आगरा खंदारी स्थित इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की छात्रा है. वह लखनऊ की रहने वाली है. छात्रा ने अपने सीनियर शिवांश सिंह पर अपने साथ दुराचार किए जाने का आरोप लगाया था.
घटना वाले दिन छात्र जम्मू में था
जिसमें पुलिस जांच में यह आया था कि घटना वाले दिन आरोपी छात्र जम्मू में था. अब वहीं अध्ययन करता है. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि महिला सम्मान के संबध में प्रारंभिक तौर पर पुलिस का रवैया बहुत असहयोगात्मक था. पुलिस ने खुद तो कोई मदद नहीं की बल्कि मदद करने वाली चिकित्सक को भी पुलिस चौकी ले जाने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि छात्रा के मानसिक स्वास्थ्य की पूरी जांच होनी चाहिए. साथ ही उसकी काउंसिलिंग की जाए और उसका मेडिकल भी कराया जाए.