पर्यावरण विभाग ने दो माह 5 दिन में वसूला 31 लाख रुपए…- भारत संपर्क

पर्यावरण विभाग ने दो माह 5 दिन में वसूला 31 लाख रुपए जुर्माना, कोयला खदानों और पावर प्लांट प्रबंधनों पर हुई कार्रवाई
कोरबा। औद्योगिक नगरी कोरबा में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। जिसे लेकर पर्यावरण विभाग द्वारा लगातार जांच की जा रही है। नियमों का उल्लंघन करने वाले खदान और पावर प्लांट प्रबंधन ऊपर लगातार जुर्माना वसूल कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में पिछले दो माह और 5 दिन के भीतर विभाग ने लापरवाह प्रबंधनों से भारी भारी भरकम जुर्माना वसूला है। पर्यावरण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष के जनवरी से 5 मार्च तक की स्थिति में कोयला खदानों और पावर प्लांट पर पर्यावरण नियमों के उल्लंघन करने के मामले में गंभीरता बरती गई। प्रदूषण फैलाने के लिए 31 लाख रुपए का जुर्माना पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तौर पर लगाया गया।अलग-अलग पावर प्लांट और खदानों पर यह जुर्माने की राशि अधिरोपित की गई है। जिले के खदान क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। जिसे लेकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब एयर क्वालिटी इंडेक्स की गणना की जाती है। तब यह 24 घंटे का औसत मान होता है। इसलिए किसी एक समय अवधि में एयर क्वालिटी जरूर खराब हो सकती है। लेकिन जब औसत गणना की जाती है। तब यह नियंत्रण में होता है। कोयलांचल और इंडस्ट्रीज वाले क्षेत्र में विभाग तरफ से पॉल्यूशन को मॉनिटर करने के लिए मशीन भी लगाई गई हैं। इसके जरिए विभाग एयर क्वालिटी इंडेक्स की मॉनिटरिंग करता है। कोयले और राख के परिवहन के लिए एसओपी बनी हुई है। जिसका उल्लंघन पाए जाने पर समय-समय पर जुर्माना भी लगाया जाता है।
बॉक्स
एसओपी जारी लेकिन नहीं होता पालन
गेवरा दीपका क्षेत्र में कोयले का अकूत उत्पादन होता है। यहां से रोड के जरिए विभिन्न राज्यों में भी कोयला भेजा जाता है। कोयला परिवहन करने के लिए पर्यावरण विभाग की ओर से एसओपी बनी हुई है। कोल डस्ट और पावर प्लांट से उत्सर्जित फ्लाई ऐश दोनों के परिवहन के लिए नियम तो बने हैं, लेकिन इनका पालन कम ही होता है। यह पर्यावरण विभाग के अधिकारी की ही जिम्मेदारी होती है कि वह नियमों का पालन करवाएं और मापदंडों के अनुरूप ही कोयला और फ्लाई ऐश का परिवहन किया जाए।