EV, मिसाइल, MRI मशीन और फोन, कहां लगते हैं Rare Earth Elements – भारत संपर्क

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EV, मिसाइल, MRI मशीन और फोन, कहां लगते हैं Rare Earth Elements – भारत संपर्क

टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्मार्टफोन, मिसाइल, MRI मशीन जैसे हाईटेक प्रोडक्ट्स हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन इन सभी के पीछे एक खास चीज Rare Earth Elements (REE) हैं. जिसके बिना ये मशीनें संभव ही नहीं होती. यहां जानें कि EV से लेकर मिसाइल तक कहां-कहां होता है इनका इस्तेमाल? कौन से पार्ट्स में ये सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं?

Rare अर्थ एलिमेंट्स रियल में ‘रेयर’ नहीं हैं. लेकिन इन्हें प्योर तरीके से निकालना और प्रोसेस करना बहुत मुश्किल और महंगा है. चीन इन एलिमेंट्स का दुनिया का सबसे बड़ा प्रोसेसर है. दुनिया भर की कंपनियां चीन पर निर्भर हैं.

क्या होते हैं Rare Earth Elements?

Rare Earth Elements (REE) दरअसल 17 कैमिकल एलिमेंट्स का एक ग्रुप होते हैं. ये पृथ्वी में कम मात्रा में पाए जाते हैं, लेकिन टेक्निकल इक्विपमेंट में इनकी डिमांड काफी ज्यादा है. इन 17 एलिमेंट्स में नीओडिमियम , प्रसीओडिमियम, डिस्प्रोसियम और यट्रियम, टेर्बियम शामिल हैं. ये छोटे लेकिन हाई-पावर वाले मैग्नेट, सेंसर्स, डिस्प्ले और मोटर्स बनाने के लिए बेहद जरूरी होते हैं.

EV में Rare Earth Elements का इस्तेमाल

इलेक्ट्रिक गाड़ियों में rare earth elements खासकर मोटर और बैटरी में बहुत जरूरी होते हैं. अब सवाल आता है कि ये कहां यूज होते हैं? Permanent Magnets ईवी की मोटर में इस्तेमाल होते हैं नीओडिमियम और डिस्प्रोसियम जैसे एलीमेंट्स, जो गाड़ी को तेजी से स्टार्ट और कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

कुछ rare elements बैटरियों के सर्किट में यूज होते हैं, जिससे पावर स्टोरेज और चार्जिंग बेहतर होती है. EV डिस्प्ले और कंट्रोल पैनल में यट्रियम और यूरोपियम का इस्तेमाल स्क्रीन और एलईडी लाइट्स में होता है.

स्मार्टफोन में Rare Earth Elements का यूज

हर कोई आज स्मार्टफोन इस्तेमाल करता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसमें भी rare earth elements का रोल है. ये एलिमेंट्स स्पीकर और वाइबरेशन मोटर में यूज होते हैं. नीओडिमियम का इस्तेमाल म्यूजिक और कॉल्स में क्लियर साउंड के लिए होता है. यूरोपियम और टेर्बियम का इस्तेमाल चमकदार स्क्रीन और कलर क्वालिटी के लिए होता है. ये एलिमेंट्स कैमरा लेंस- इमेज सेंसर्स और ऑटोफोकस सिस्टम को बेहतर बनाते हैं.

मिसाइल और डिफेंस टेक्नोलॉजी में यूज?

मिसाइल और आर्मी इक्वपमेंट में भी ये एलिमेंट काफी जरूरी हैं क्योंकि ये सिस्टम को हल्का, तेज और सटीक बनाते हैं. ये एलिमेंट Guidance system में यूज होते हैं. सेंसर और कंप्यूटर में rare elements तेजी और सटीकता लाते हैं. Navigation और Communication Equipment में यट्रियम और गडोलिनियम का यूज रडार और सिग्नल सिस्टम में होता है. High-Performance Magnets में नीओडिमियम मैग्नेट से मिसाइल में लगा मोटर छोटा लेकिन बहुत ताकतवर बनता है.

MRI मशीन और मेडिकल टेक्नोलॉजी में यूज

MRI मशीन जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों की साफ तस्वीर देती है, उसमें भी REE का बड़ा रोल है. MRI मैग्नेट में नीओडिमियम और गडोलिनियम जैसे एलिमेंट्स बहुत मजबूत मेग्नेटिक एरिया तैयार करते हैं. डायग्नोस्टिक सेंसर और स्कैनर में ये एलिमेंट्स स्कैन की स्पीड और एकुरेसी बढ़ाते हैं.

Rare Earth Elements क्यों हैं इतने जरूरी?

ये छोटे साइज में ज्यादा पावर देते हैं. इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को हल्का और फास्ट बनाते हैं. एनर्जी एफिशिएंट टेक्नोलॉजी में मदद करते हैं. बिना इनके, EV, स्मार्टफोन या मिसाइल जैसी टेक्नोलॉजी अधूरी है.

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