प्रशासनिक आदेश के बाद भी झेल रहे सिस्टम की मार, टूटी झोपड़ी…- भारत संपर्क

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प्रशासनिक आदेश के बाद भी झेल रहे सिस्टम की मार, टूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर, नहीं बना पीएम आवास

कोरबा। आज से 7 महीने पहले 51 वर्ष के बंधन सिंह जब अपनी 80 वर्ष की बूढ़ी मां को गोद में लेकर कलेक्टर के कार्यालय पहुंचे, तब देखने वालों का कलेजा पसीज गया। सबके मन में सवाल उठा कि जब इन जैसों की मदद नहीं की जा सकती, तब इतने बड़े सरकारी सिस्टम के होने का औचित्य क्या है? प्रशासनिक आदेश के बाद भी लाचार ग्रामीण सिस्टम की मार झेलने मजबूर हैं। बंधन सिंह अपनी 80 वर्षीय मां के साथ गांव सोनपुरी में एक टूटी हुई झोपड़ी में रहते हैं। पिछले बरसात में उनकी झोपड़ी ढह गई थी। आगे का एक छोटा सा हिस्सा बचा हुआ है, जो मिट्टी का एक कमरा है, उसी में बंधन सिंह अपनी मां के साथ रहते हैं, उनकी सेवा करते हैं। अपनी माता के प्रति बंधन सिंह की करुणा, ठीक उसी तरह की है, जैसा हम पौराणिक कथाओं में श्रवण कुमार का अपने माता के पिता के प्रति पीढिय़ों से सुनते आये हैं। आदिवासी कंवर समाज से आने वाले बंधन सिंह जब अपनी मां के साथ कलेक्टर से मिले, तब कलेक्टर को उनकी स्थिति का पता चला। कलेक्टर ने तब एक आदेश जारी किया कि महीने भर के भीतर प्रशासन की निगरानी में बंधन सिंह की मां के नाम पर स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास को बनाकर उन्हें सौंपा जाए। इसकी जिम्मेदारी गांव का सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक को सौंपी गई। विडंबना यह है कि 7 महीने बीत गए और अब तक बंधन सिंह को उनका आवास नहीं मिल सका है। हालांकि प्रशासन ने आवास का स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया है, लेकिन यह बंधन सिंह और उसकी मां का घर नहीं बन सका है। फिनिशिंग का काम बाकी है।एक छोटे से पीएम आवास को पूर्ण करने में 7 महीने का समय भी कम पड़ गया। अब बंधन सिंह की चिंता यह है कि भीषण गर्मियों में तो किसी तरह गुजर बसर हो रहा है, लेकिन बरसात शुरू हो गई तो वह अपनी 80 वर्षीय मां को इस टूटी फूटी झोपड़ी में किस तरह से रखेंगे। टूटी हुई झोपड़ी की तरह ही आवास मिलने के पहले कहीं उनकी मां की सांस ना टूट जाए। लगातार प्रयासों के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने पर अधिवक्ता नफीस की मदद से बंधन सिंह अपनी वृद्ध माता को गोद में लेकर 21 अक्टूबर 2024 को कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। अंगूठा लगा हुआ अपना आवेदन उन्होंने कलेक्टर को दिया।कलेक्टर ने 1 महीने के भीतर प्रशासन की निगरानी में समारीन बाई के नाम पर स्वीकृत आवास को बनवाने के आदेश दिए। आदेश के परिपालन में जिला पंचायत सीईओ ने 25 अक्टूबर को एक लिखित आदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के तहत वर्ष 2019-20 में 80 वर्षीय समारीन बाई गांव सोनपुरी के नाम पर आवास स्वीकृत किया गया है, जो शारीरिक रूप से असक्त होने के कारण, आवास निर्माण में सक्षम नही है। इसलिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, मनरेगा तकनीकी सहायक और रोजगार सहायक को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौंपी जाती है। आवास निर्माण की राशि आहरित कर एक महीने के भीतर आवास निर्माण पूर्ण कराकर पूर्णता प्रमाण पत्र सौंपना सुनिश्चित किया जाए।

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