हादसों के बाद भी नहीं ले रहे सबक, मालवाहकों में ढोए जा रहे…- भारत संपर्क
हादसों के बाद भी नहीं ले रहे सबक, मालवाहकों में ढोए जा रहे यात्री
कोरबा। मालवाहकों में सवारी ढोना खतरे से खाली नहीं है। कई हादसे भी हो चुके हैं, जिसमें सवार लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी लोग जान जोखिम में डालकर मालवाहकों में यात्रा कर रहे हैं। दूसरी ओर लापरवाह चालक भी सबक नहीं ले रहे हैं। जिले में मालवाहक वाहन की परमिट लेकर बतौर सवारी वाहन उपयोग कर रहे वाहनों पर परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसकी वजह से माल वाहक वाहनों में मवेशियों की तरह इंसानों को ढोया जा रहा है। चार पहिया मालवाहक वाहन, पिकप, छोटा हाथी, 407 आदि श्रेणी के वाहन आते हैं। इन वाहनों की खरीदी सामान ढोने के लिए तो की जा रही है, लेकिन वास्तविक उपयोग सामान ढोने के साथ ही सवारी ढोने के लिए भी किया जा रहा है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया जा रहा है। वाहन संचालकों और परिवहन विभाग को कमाई तो हो रही है, लेकिन नियमों से अंजान ग्रामीण हृदय विदारक घटना के शिकार भी हो रहे हैं। शहर से गांव तक चलाए जा रहे सवारी वाहनों की हालत जर्जर हो गई है। फिर भी उसमें यात्रियों को ढोया जा रहा है। फिटनेस जांच के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई की जा रही है। दुर्घटना को रोकने के बजाए बढ़ावा देने में परिवहन विभाग की ओर से अहम भूमिका अदा की जा रही है। कहीं कोई बड़ी दुर्घटना होने के बाद कुछ दिन संबंधित विभाग और अधिकारी कार्यवाही करते हैं तत्पश्चात स्थिति वैसे ही हो जाती है। जैसे अभी बनी हुई है।