जिले के वीर शहीद वीरेंद्र कैवर्त की उपेक्षा से पूर्व सैनिको…- भारत संपर्क



बिलासपुर। आन पूर्व सैनिक कल्याण संगठन बिलासपुर
और जिले का मछुआ समाज शहीद वीरेंद्र कैवर्त की शहादत को अक्षुण्य बनाए रखने पिछले 6-7 वर्षों से प्रयासरत है। इसी सिलसिले में उन्होंने प्रेस क्लब पहुंचकर संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता किया। जिसमे आन पूर्व सैनिक कल्याण संगठन बिलासपुर के अध्यक्ष दत्तात्रेय यादव ने बताया कि भारतीय सेवा के तोपखाना रेजीमेंट की 225वीं मीडियम रेजिमेंट में वीरेंद्र कुमार केवट सदस्य थे और वह 62 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर थे। 15 सितंबर 2006 को आतंकवाद सर्चिंग अभियान के दौरान जम्मू कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले के रेबन गांव में आईडी ब्लास्ट में वे शहीद हुए। तब से पूर्व सैनिक वीरेंद्र के गृह ग्राम सीपत के नरगोड़ा मे श्रद्धांजलि कार्यक्रम कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने वीरेंद्र की शहादत की अनदेखी और उपेक्षा पर दुख जताया और कहा शासन और जिला प्रशासन से शहीद वीरेंद्र केवट के नाम पर सरकारी स्कुल अथवा खेल मैदान का नामकरण किया जाये। इस वर्ष 19 वे शहीदी अवसर पर नरगोड़ा मे 15 सितंबर को भव्य समारोह आयोजित करने की जानकारी दी। प्रेस क्लब पहुंचे जिला निषाद समाज के अध्यक्ष हर प्रसाद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि समाज की ओर से वीरेंद्र केवट की शहादत को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए शासन प्रशासन और नगर निगम को आवेदन दिया है जिसमें शहीद का स्मारक बनाने निवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका समाज गर्व करता है कि बिलासा दाई के नाम पर शहर बसा है। इस तरह देश की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले वीरेंद्र कैवर्त का देशप्रेम और बलिदान नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सके, इसके लिए उनके नाम का स्मारक बनाया जाये। कई सालो के प्रयास के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर नरगोड़ा शासकीय स्कुल का नाम शहीद वीरेंद्र केवट के नाम करने शिक्षा विभाग ने पहल किया है। इसी स्कुल मे वीरेंद्र ने शिक्षा पायी थी। आन पूर्व सैनिक कल्याण संगठन के सदस्य जयराम सिंह,मुकेश साहू,विजय कौशिक,रवि गोपाल,मोहनलाल जांगड़े,राजकुमार कोसले के अलावा मछुआ समाज के अध्यक्ष हर प्रसाद निषाद,उपाध्यक्ष बीएस निषाद और जिला मछुआ समाज के अध्यक्ष दीप कैवर्त ने भी अपने विचार पत्रकारों से साझा किये।