Exclusive: प्रियंका का अखिलेश को फोन और बन गई बात, कांग्रेस सपा गठबंधन की I… – भारत संपर्क

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Exclusive: प्रियंका का अखिलेश को फोन और बन गई बात, कांग्रेस सपा गठबंधन की I… – भारत संपर्क

अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी
लोकसभा चुनाव-2024 के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन लगभग तय हो गया है. दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में साथ लड़ने के लिए तैयार हैं. इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है. सूत्रों के मुताबिक, सपा के साथ गठबंधन में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई. प्रियंका ने अखिलेश से फोन पर बात की, जिसके बाद ही गठबंधन फाइनल हो सका.
कांग्रेस ने अखिलेश की दी हुई सीटों पर आखिर में दो बदलाव मांगे थे. पहला- हाथरस सपा को वापस देकर सीतापुर दी जाए. सपा ने कांग्रेस की इस मांग को मान लिया. वहीं, दूसरा बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट सपा ले ले और कांग्रेस को श्रावस्ती दे दें. अखिलेश ने श्रावस्ती देने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके शाम तक जवाब देने को कहा है. इसके बाद ही दोनों नेता (अखिलेश और प्रियंका) सहमत हो गए और गठबंधन पर मुहर लग पाई. प्रियंका चाहती थीं कि मुरादाबाद में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले गठबंधन पर बात बन जाए. 24 फरवरी को यात्रा दोबारा मुरादाबाद से शुरू हो रही है. प्रियंका भी इसमें शामिल होने जा रही हैं.
आज यानी बुधवार को शाम पांच बजे लखनऊ में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है. इसमें कांग्रेस से अविनाश पांडे और समाजवादी पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष और राजेन्द्र चौधरी रहेंगे. इस बीच, अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा. जल्द गठबंधन होगा. गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है. अखिलेश ने मुरादाबाद में ये बयान दिया.
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कांग्रेस को मिलीं 17 सीटें
सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं. इसमे रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया हैं. बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट कांग्रेस लौटा देगी और उसके बदले में श्रावस्ती लेगी. अखिलेश यादव ने इस पर लगभग सहमति दे दी है.
दरअसल गठबंधन के लिए सपा शर्त रख रही थी, लेकिन कांग्रेस की पूरी कोशिश थी कि यूपी में दोनों पार्टियां साथ लड़ें. कांग्रेस का मानना है कि सामने बड़ी लड़ाई है इसलिए साथ जरूरी है. कांग्रेस सीटों की संख्या ज्यादा नहीं चाहती थी. वो जीत सकने वाली सीटें चाहती थी.
कांग्रेस का कहना था कि 2019 में बसपा के साथ गठजोड़ में मुरादाबाद मंडल में सपा ने 6 में से 3-3 सीटों का समझौता किया था, हम तो सिर्फ दो ही मांग रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि सपा का मीडिया के जरिए दबाव बनाना ठीक नहीं है. कांग्रेस का मानना रहा कि अगर समझौता नहीं हुआ तो दोनों दलों का नुकसान है. राष्ट्रीय चुनाव होने के चलते मुस्लिम मतदाता भी इस बार सपा के बजाय कांग्रेस का साथ देगा. मिलकर लड़ने से मोदी विरोध और अल्पसंख्यक मतदाता एकजुट होकर गठबंधन का साथ देंगे.

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