Explainer : खरीदें इस चांदी से बने जेवर, ये कभी नहीं पड़ती…- भारत संपर्क

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Explainer : खरीदें इस चांदी से बने जेवर, ये कभी नहीं पड़ती…- भारत संपर्क
Explainer : खरीदें इस चांदी से बने जेवर, ये कभी नहीं पड़ती काली, ऐसे कर सकते हैं पहचान

ऐसी चांदी जो कभी काली नहीं पड़ती Image Credit source: Melissa Enderle/Moment/Getty Images

‘ये जो तेरी पायलों की छन-छन है’….’इस रेशमी पाज़ेब की झनकार के सदके’ ये वो रोमांटिक गाने हैं जिनमें पायलों की झनकार को लेकर कसीदे कड़े गए हैं. अब चाहें पायल हो या पाज़ेब या करधनी… ये सभी जेवर ऐसे हैं जो हमेशा से चांदी के बनते आए हैं. राशियों के हिसाब से भी गहने बनवाने में चांदी की अहमियत है. लेकिन अक्सर लोग चांदी के गहने सिर्फ इसलिए नहीं पहनते, क्योंकि ये समय के साथ काली पड़ जाती है. तो क्या इसका कोई तोड़ है या ऐसी चांदी है जो कभी काली नहीं पड़ती. तो चलिए बताते हैं इसके बारे में…

जी हां, ऐसी चांदी आती है जो कभी काली नहीं पड़ती. इस चांदी से बने गहने हमेशा चमकते रहते हैं, काले तो पड़ते ही नहीं. वहीं अगर आपको लगता है कि आपके गहने की चमक फीकी पड़ रही है, तो ये आराम से री-पॉलिश भी हो जाते हैं. इस चांदी की पहचान कैसे करते हैं?

ऐसे पहचानें चांदी की शुद्धता

जिस तरह से 24 कैरेट के सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है, उसी तरह सबसे शुद्ध चांदी 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली होती है. लेकिन इन दोनों से ही गहने नहीं बन सकते, क्योंकि गहने बनाने के लिहाज से ये दोनों धातु काफी नरम होती हैं. सोने में तांबा और चांदी में तांबा या निकल जैसी धातुओं का मिश्रण किया जाता है, ताकि ये गहने बनाने में इस्तेमाल की जा सकें. इसलिए सोने के गहने 22 कैरेट के और चांदी के गहने 92.5 प्रतिशत की शुद्धता के बनाए जाते हैं.

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जेवर बनाने के लिहाज से सबसे शुद्ध चांदी 925 शुद्धता वाली होती है. इसमें बाकी हिस्सा अन्य धातु का होता है. इसे पहचानने का तरीका भी साफ है, जब भी आप मार्केट में चांदी के गहने खरीदने जाएं, तो उस पर गोल्ड के हॉलमार्क जैसा ही 925 लिखा देखने को मिलेगा. ये उसकी शुद्धता की पहचान होती है. इसे स्टर्लिंग सिल्वर भी कहा जाता है.

हालांकि मार्केट में चांदी की मात्रा कम करके और उसमें मिलाई जाने वाली दूसरी धातु की मात्रा को बढ़ाकर इससे कम शुद्धता वाली चांदी के गहने भी उपलब्ध होते हैं.

चांदी जो कभी काली नहीं पड़ती

वैसे तो जिस गहने में चांदी की मात्रा जितनी अधिक होगी, उसके काले पड़ने की गति उतनी ही कम होगी. चांदी के काले पड़ने की वजह हवा में सल्फर की मौजूदगी होती है. सल्फर के साथ संपर्क में आने पर सिल्वर सल्फाइड बनता है, जिससे चांदी काली पड़ती है. इसी तरह चांदी में मौजूद तांबा या निकल अगर पानी (पसीने) के संपर्क में आते हैं, तो उससे भी ज्वैलरी काली पड़ती है. इसके बचाव के कई तरीके हैं, जो आपको अपनी दादी-नानी या मम्मी के घरेलू नुस्खों में आसानी से सीखने को मिल जाएंगे.

लेकिन जब इसी 925 शुद्धता वाली चांदी के गहनों पर रोडियम का पानी चढ़ा दिया जाता है, तो ये स्टर्लिंग सिल्वर को हवा के संपर्क में आने से बचाता है, जिसकी वजह से इसका कलर कभी नहीं बदलता और ना ही ये काली पड़ती है. रोडियम की परत चढ़ी चांदी एकदम स्टील की तरह चमकती है. रोडियम सोने से भी 5 गुना महंगी धातु होती है, जो सिल्वर-वाइट रंग की होती है.

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