Explainer: CAA हुआ लागू, तीन देशों से आए गैर मुस्लिम…- भारत संपर्क
देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया गया है.
तारीख थी 9 दिसंबर 2019. उसी साल मोदी की अगुआई वाली बीजेपी सरकार दूसरी बार चुनकर संसद पहुंची थी. तब मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के एक साल के भीतर ही नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया था, जो पारित भी हो गया. नियमानुसार उसे फिर राज्यसभा में पेश किया गया और 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उसे कानून का दर्जा दे दिया गया. ये तो हो गई इतिहास के पन्नों में दर्ज CAA के पारित होने की कहानी. असली मसला ये है कि इस कानून के लागू होने के बाद उन तीन देशों से आए 6 धर्मों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी? आज जानेंगे. पहले कानून के बारे में समझ लीजिए.
क्या कहता है कानून?
आज यानी 11 मार्च 2024 को कानून पारित होने के लगभग 5 साल बाद उसे नोटिफाई कर दिया गया है. इस कानून के लागू होने से पड़ोसी देशों यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. ये वे अल्पसंख्यक हैं जो पिछले कई सालों से शरणार्थी के तौर पर भारत में बसे हुए हैं. इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि इस कानून में किसी भी भारतीय चाहे वो किसी भी धर्म या मजहब का हो उसकी नागरिकता छीनने का कोई भी प्रावधान नहीं है.
कैसे होगा फायदा?
केंद्र सरकार के तरफ से दी जाने वाली सरकारी सुविधाओं की बात करें तो उसमें मुफ्त राशन की सुविधा से लेकर आयुष्मान भारत योजना शामिल है, जिसके तहत सरकार 5 लाख रुपए तक के इलाज फ्री की सुविधा प्रदान करती है. सरकार गरीब महिलाओं को लकड़ी जलाकर खाना बनाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना भी चलाती है, जिसका लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ले सकते हैं. एक बार जब वो अलपसंख्यक इस कानून की मदद से नागरिकता ले लेंगे तो उन्हें भी इसका लाभ मिल सकेगा.
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केंद्र सरकार देश के नागरिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत देश के नागरिकों को 2 लाख रुपए का कवर भी प्रदान करती है.
खत्म हो जाएगी बुढ़ापे की टेंशन
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना नाम से एक पेंशन स्कीम चलाती है, जिसके तहत असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था सुरक्षा मिलती है. इस योजना के तहत लाभार्थी को 60 साल की उम्र के बाद 3,000 रुपए की पेंशन दी जाती है. पेंशन पाने के लिए लाभार्थी को 18 से 40 साल के बीच इस योजना में निवेश करना पड़ता है. यानी अगर नागरिकता मिल जाती है तो उन लोगों के बुढ़ापे की टेंशन भी खत्म हो जाएगी.
बन सकेंगे भारतीय किसान
सीएए के तहत जिन गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलेगी. वे सभी भारत में जमीन खरीद सकेंगे, जिसके बाद उन्हें भारतीय किसान के रूप में अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी. उसके बाद सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
भारत सरकार पीएम किसान योजना के तहत गरीब किसानों को साल में 6 हजार रुपए देती है. साथ ही उनके फसल की सुरक्षा के लिए फसल बीमा योजना भी चलाती है, जिसके तहत वह फसल के खराब होने पर सरकार से मुआवजा भी ले सकते हैं. इतना ही नहीं ये शरणार्थी, जिस राज्य में रहते होंगे. उस राज्य की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी फायदा ले सकेंगे.