Explainer : क्या बीच में बंद कर सकते हैं NPS, डूब जाएंगे…- भारत संपर्क
मिलेगा एनपीएस से जुड़े अहम सवालों का जवाब
अगर आप अपनी रिटायरमेंट के लिए निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं, और चाहते हैं कि आपका इनकम टैक्स भी बच जाए. तो आपने ‘न्यू पेंशन सिस्टम’ के बारे में सुना होगा. इसमें अगर आप हर साल 50,000 रुपए तक जमा करते हैं, तो आपको ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम में एक्स्ट्रा छूट मिल सकती है. हालांकि एनपीएस से जुड़े कुछ सवाल लोगों को परेशान भी करते हैं. जैसे कि क्या एनपीएस में निवेश को बीच में ब्रेक कर सकते हैं? एनपीएस में निवेश रुक जाने पर क्या उसमें जमा पैसा वापस मिलता है? क्या रुकी हुई एनपीएस स्कीम को दोबारा चालू कराया जा सकता है?
अगर आप भी इसी तरह के सवालों से जूझ रहे हैं, तब आपको एक बार ये खबर पढ़ लेनी चाहिए. यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि एनपीएस में कैसे निवेश किया जा सकता है? कब-कब उसमें से पैसा विड्रॉल किया जा सकता है? साथ ही उसे दोबारा चालू किया जा सकता है या नहीं?
एनपीएस में कैसे करें निवेश?
एनपीएस, दरअसल सरकार द्वारा शुरू किया गया एक नया पेंशन सिस्टम है. इसे प्रोविडेंड फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) मैनेज करती है, जो एक रेग्युलेटर है. एनपीएस में देश का कोई भी इंसान निवेश कर सकता है. इसमें जमा होने वाले पैसे का कुछ हिस्सा शेयर बाजार में इंवेस्ट किया जाता है, जिसके रिटर्न के आधार पर आपको 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है. सबसे बड़ी बात आपकी जमा पूंजी को शेयर बाजार के जोखिमों से बचाने के लिए आपकी पूंजी में अधिकतम 75 प्रतिशत को ही शेयर बाजार में लगाया जाता है.
एनपीएस में निवेश करना बेहद सरल है. देश के लगभग सभी बैंक और म्यूचुअल फंड कंपनियां एनपीएस रिलेटेड स्कीम पेश करती हैं. इनमें से आप अपनी जरूरत के आधार पर कोई भी स्कीम लेकर एनपीएस में पैसा लगा सकते हैं. अगर आपको इसमें खुद से चुनाव करने में दिक्कत हो, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद ले सकते हैं.
अगर बीच में ही रुक जाए एनपीएस में निवेश?
मान लेते हैं कि आपने एनपीएस स्कीम में निवेश करना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ समय बाद आप उसमें सही से अपना हिस्सा जमा नहीं कर पाए. तब आपके पैसे का क्या होगा? क्या वह डूब जाएगा? तो सबसे पहले ये जान लें कि एनपीएस भी दो तरह की होती है. टियर-1 और टियर-2 और इन दोनों में ही बीच में विड्रॉल की सुविधा मिलती है.
अगर आप टियर-1 स्कीम के तहत पैसा जमा करते हैं और 60 की उम्र से पहले अपनी जमा पूंजी निकालना (प्री-मैच्योर विड्रॉल) चाहते हैं, तो आप ऐसा तब ही कर सकते हैं जब आपका निवेश 10 साल पुराना हो चुका हो. वहीं टियर-1 स्कीम के तहत अगर बीच में कुछ पैसा निकालना चाहते हैं, तो ये आप 3 साल तक इंवेस्टेड रहने के बाद ही कर सकते हैं.
प्री-मैच्योर विड्रॉल में आपको अपनी कुल जमा पूंजी का 20 प्रतिशत ही अधिकतम मिलेगा. बाकी आपका 80 प्रतिशत पैसा एन्युनिटी प्लान (एक तरह के पेंशन प्लान) में जमा हो जाएगा. आपकी कुल जमा पूंजी ही 2.5 लाख रुपए है, तब आपको 100 प्रतिशत पैसा मिल जाएगा.
वहीं अगर आपने टियर-2 स्कीम के तहत पैसा लगाया है. तब आप इसमें प्री-मैच्योर विड्रॉल कभी भी कर सकते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग सकता है. हालांकि दोनों ही ऑप्शन में बीच में कुछ पैसा निकालने (यानी पार्शियल विड्रॉल करने) की छूट मिलती है. इसकी कुछ शर्तें हैं जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, शादी, मकान खरीदना या बनवाना, बीमारी के लिए पैसे की जरूरत इत्यादि.
आप 60 साल की उम्र तक के बीच में महज 3 बार पार्शियल विड्रॉल कर सकते हैं. इसमें भी हर विड्रॉल के बीच में कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए.
क्या रुकी हुई एनपीएस स्कीम दोबारा चालू होगी?
अब आते हैं इस सवाल पर कि आपने कुछ साल एनपीएस में पैसा डाला, फिर कुछ साल नहीं डाल पाए. हालांकि इस बीच आपने अपने एनपीएस खाते से कोई रुपया निकाला नहीं. क्या उस स्थिति में आप दोबारा अपना अकाउंट शुरू कर सकते हैं? तो जवाब है कि ऐसा आप कर सकते हैं. इसके लिए कुछ नियम-शर्तें आपको माननी होंगी बस.
अगर आप अपने एनपीएस खाते में रेग्युलर इंवेस्टमेंट (पूरे साल में कम से कम एक बार 500 रुपए) नहीं करते हैं, तब आपका अकाउंट पीएफआरडीए फ्रीज की कैटेगरी में डाल देती है. इस खाते का दोबारा चालू करने के लिए आपको अपना PRAN (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) देना होता है और Form UOS-S10-A भरकर उस बैंक या पोस्ट ऑफिस में एप्लीकेशन देनी होती है, जहो आपका एनपीएस खाता होता है.
इसे दोबारा चालू करने के लिए आप पर फाइन भी लगता है. सामान्य एनपीएस खातों में आपको उस वित्त वर्ष के लिए 500 रुपए का जुर्माना, बाकी जितने साल आपको अकाउंट ‘फ्रीज’ रहा उतने साल के लिए हर साल का 100 रुपए फाइन भरना होता है. स्वालंबन स्कीम के तहत खाता खुलवाने वाले लोगों के लिए 100 रुपए वाला फाइन महज 25 रुपए होता है.
इसके बाद पीएफआरडीए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करता है और आपका एनपीएस अकाउंट दोबारा चालू हो जाता है.