Explainer : महंगा ही होता जा रहा है सोना, आपके पोर्टफोलियो…- भारत संपर्क

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Explainer : महंगा ही होता जा रहा है सोना, आपके पोर्टफोलियो…- भारत संपर्क
Explainer : महंगा ही होता जा रहा है सोना, आपके पोर्टफोलियो में होना क्यों है जरूरी?

सोने में निवेश करना कितना जरूरी?Image Credit source: Pixabay

सोना कितना सोणा है, सोने जैसा कोई नहीं… इस लाइन का मतलब अगर आप भारत में किसी महिला से पूछने जाएंगे, तो वो आपको इसके बारे में गहराई से समझाएगी. भारत में सोना हमेशा से निवेश का एक सुरक्षित विकल्प रहा है. पुराने समय से महिलाओं के स्त्रीधन का ये अहम हिस्सा रहा है, जो मुश्किल वक्त में उनके काम आता है. सोने की महिमा इतनी है कि देश में चल रहे लोकसभा चुनाव में ‘ सोने का मंगलसूत्र’ भी एक अहम चुनावी मुद्दा बन गया है. ऐसे में एक इंवेस्टर होने के नाते अक्सर आपके मन में सवाल आता होगा कि पोर्टफोलियो में सोना होना क्यों जरूरी है और इसमें कितना निवेश करना चाहिए?

चलिए आपकी समस्या का समाधान कर देते हैं. पहले ये जान लीजिए दुनिया में जब भी कोई संकट आता है, कोई युद्ध होता है या आर्थिक तंगी के हालात बनते हैं, तो बड़े निवेशक अपनी संपत्ति को सोने में तब्दील कर लेते हैं. सोने में निवेश एक तरह से सुरक्षा की गारंटी देता है. ऐसे हालातों में निवेशकों का सोने में निवेश बढ़ भी जाता है, जिसकी वजह से सोने की कीमतें भी बढ़ने लगती हैं. करीना कपूर की ‘क्रू’ से लेकर अभिषेक बच्चन की ‘प्लेयर’ मूवी तक में सारी कहानी सोने के इर्द-गिर्द की घूमती है.

पोर्टफोलियो में सोना होना जरूरी क्यों?

सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को बैलेंस्ड बनाता है. इसमें रिटर्न सुनिश्चित होता है और अक्सर गारंटीड भी होता है. इसी के साथ सोना एकदम कैश की तरह का लिक्विड एसेट होता है, जिसे आप किसी भी इमरजेंसी के दौरान तुरंत बेच सकते हैं या उसके बदले में लोन भी ले सकते हैं. अगर सोने पर लोन के स्तर को देखें तो आपको उसकी वैल्यू के 80 से 85 प्रतिशत के बराबर लोन मिल जाता है.

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अब जानते हैं कि आपके पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी कितनी होनी चाहिए. अगर सोने पर रिटर्न के इतिहास को देखें तो बीते एक दशक में इसने करीब 11 प्रतिशत तक सालाना रिटर्न दिया है. ऐसे में पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए सोना एक बढ़िया ऑप्शन है. ये आपके जोखिम को भी कम करता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपके पूरे इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो का करीब 10 से 15 प्रतिशत तक गोल्ड होना एक अच्छी प्रैक्टिस है. आप चाहें तो फिजिकल गोल्ड या फिर डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ इत्यादि में निवेश कर सकते हैं.

क्या ये गोल्ड में निवेश का है सही समय?

एमसीएक्स पर अगर मौजूदा समय में सोने का भाव देखें तो हाई लेवल पर ये 73,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर जा चुका है. जबकि सर्राफा बाजार में इसका हाजिर भाव और ऊपर यानी 74,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है. ऐसे में क्या गोल्ड में निवेश करने का ये सही वक्त है? अगर इस सवाल का जवाब ढूंढना है तो हमें इंटरनेशनल मार्केट के हालात देखने होंगे.

मौजूदा वक्त में चीन सोने की अग्रेसिव बायिंग कर रहा है. चीन दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है. वहीं भारत भी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है, लेकिन यहां रिटेल बायिंग ज्यादा है, ना कि इंस्टीट्यूशनल बायिंग. इसके अलावा इंटरनेशनल लेवल पर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अभी भी जारी है. वहीं इजराइल और हमास के बीच तनाव अपने चरम पर है. ऐसे में सेफ इंवेस्टमेंट के लिए सोना एक अच्छा ऑप्शन है.

वहीं जून में अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दर नीति का अनाउंसमेंट करने वाला है, जो इंटरनेशनल मार्केट को बड़े पैमाने पर प्रभावित करेगा.

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