Explainer : भारत यूएई के इकोनॉमिक रिश्ते, पीएम मोदी के विजिट…- भारत संपर्क

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Explainer : भारत यूएई के इकोनॉमिक रिश्ते, पीएम मोदी के विजिट…- भारत संपर्क

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते एक साल में तीसरी बार यूएई पहुंच चुके हैं. दो दिनों की इस यात्रा के दौरान वह कई ट्रेड एग्रीमेंट करेंगे. जिनमें से कई एग्रीमेंट दौरे के पहले दिन कर भी चुके हैं. पीएम मोदी का बीते 10 साल में 7वां यूएई दौरा है. यूएई के साथ भारत के काफी मजबूत रिश्ते बन चुके हैं. खासकर इकोनॉमिक तौर पर यूएई भारत के लिए काफी अहम है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की यह यूएई विजिट काफी मायने भी रखती हैं. भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने द्विपक्षीय निवेश संधि और रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क डील सहित आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

बाइलेटरल इंवेस्टमेंट ट्रीटी

भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी एक रीडआउट के अनुसार, दोनों नेताओं ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से पहला बाइलेटरल इंवेस्टमेंट ट्रीटी है. भारत की ओर से आए बयान में कहा गया कि यह समझौता दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. भारत का चौथा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक संयुक्त अरब अमीरात है और दोनों देशों के बीच निवेश संधि के संबंध में चर्चा 2016 से चल रही है. मई 2022 में, यूएई के साथ भारत का कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक एग्रीमेंट लागू हुआ था.

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर

दोनों पक्षों ने “इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच इंटरगवर्नमेंटल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट” पर भी साइन किए, जो रीजनल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने में सहयोग को बढ़ावा देगा. इसके अलावा, उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और ट्रेड के एमओयू पर भी साइन किए, जिसका उद्देश्य एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूत करना था. रीडआउट में कहा गया है कि अपनी बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने अपनी एनर्जी पार्टनरशिप को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा डिजिटल पब्लिक इंफ्रा, फाइनेंशियल पेमेंट समेत पांच समझौते किए गए.

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दोनों देशों के बीच बाइलेटरल ट्रेड

निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अलसुवैदी ने भारतीय प्रधान मंत्री की यात्रा के अवसर पर कहा कि अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि के दौरान यूएई और भारत के बीच बाइलेटरल ट्रेड का वॉल्यूम 84.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. साल 2027 तक इसके 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है. खास बात तो ये है कि यूएई भारत में सातवां सबसे बड़ा इंवेस्टर है.

सितंबर 2023 के अंत तक 17 अरब डॉलर के निवेश का अनुमान है. उन्होंने कहा कि यूएई और भारत के बीच पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर्स में लगातार सहयोग देखने को मिल रहा है. यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी के अनुसार 2022 के आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच नॉन ऑयल ट्रेड 51.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2021 की तुलना में 15 फीसदी और 2019 की तुलना में 24% से अधिक है.

खास बात तो ये है कि यूएई की कुल इंटरनेशनल नॉन ऑयल ट्रेड में 8.3 फीसदी की हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि देश के कुल निर्यात में 11 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत यूएई के नॉन ऑयल निर्यात के लिए भी दुनिया का लीडिंग डेस्टीनेशन है. अल ज़ायौदी ने कहा कि 2023 के पहले 9 महीनों में दोनों देशों के बीच नॉन ऑयल ट्रेड 38.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

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