Explainer: क्या है यूनिफॉर्म केवाईसी? बैंक अकाउंट से लेकर…- भारत संपर्क

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Explainer: क्या है यूनिफॉर्म केवाईसी? बैंक अकाउंट से लेकर…- भारत संपर्क
Explainer: क्या है यूनिफॉर्म केवाईसी? बैंक अकाउंट से लेकर इंश्योरेंस, शेयर बाजार तक हर जगह आएगी काम

बस एक ही बार होगी केवाईसी की जरूरतImage Credit source: File Photo

जब से आधार कार्ड आम लोगों के बीच पॉपुलर हुआ है, तब से मोबाइल फोन नंबर लेने से लेकर किसी बैंक में खाता खुलवाना आसान हुआ है. इसके बावजूद एक समस्या अब भी बनी हुई है कि आपको हर काम के लिए अलग-अलग अपनी पहचान साबित यानी केवाईसी नॉर्म्स पूरे करने होते हैं. सोचिए अगर ऐसा हो कि केवाईसी जमा करने का ये बार-बार का झंझट खत्म हो जाए, तो कैसा हो?

अब ये जल्द ही संभव हो सकता है कि देश में आपको बस एक बार अपनी पहचान साबित करनी पड़े. सरकार आपका डेटा किसी सेंट्रल जगह पर सेव कर ले और आपकी एक ही केवाईसी बैंक अकाउंट खोलने से लेकर बीमा खरीदने, शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड बाजार में इंवेस्ट करने के काम आ जाए. इसके लिए सरकार में ‘यूनिफॉर्म केवाईसी’ या ‘सिंगल केवाईसी’ सिस्टम को लाने पर विचार-विमर्श चल रहा है.

क्या है यूनिफॉर्म केवाईसी?

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) ने कुछ साल पहले प्रस्ताव दिया था कि देश में ऐसी केवाईसी व्यवस्था को डेवलप किया जाए, जिसमें पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में एक ही केवाईसी का अलग-अलग संस्थान आपस में बार-बार इस्तेमाल कर सकें. इससे सिस्टम में पेपरवर्क कम होगा, आम लोगों के लिए आसानी होगी और केवाईसी की प्रोसेस के खर्च और लागत में कटौती आएगी. इस पर वित्त मंत्रालय ने फाइनेंस सेक्रेटरी टी. वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमेटी बना दी.

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ईटी की एक खबर के मुताबिक हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एफएसडीसी की एक बैठक में यूनिफॉर्म केवाईसी लाने का प्रस्ताव किया. इसके तहत केवाईसी प्रोसेस का ज्यादा से ज्यादा डिजिटलाइजेशन किया जाना है. वहीं एक ऐसा सिस्टम बनाना है जहां केवाईसी रिकॉर्ड की इंटर-यूजेबिलिटी सुनिश्चित की जा सके.

कैसे काम करेगी यूनिफॉर्म केवाईसी?

अब बात ये है कि यूनिफार्म या सिंगल केवाईसी सिस्टम आखिर काम कैसे करेगा? कुछ सेगमेंट में यूनिफॉर्म केवाईसी पहले से काम कर रही है. अगर आप शेयर बाजार में इंवेस्ट करते हैं, तो रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के माध्यम से आपकी केवाईसी सीधे मार्केट रेग्युलेटर सेबी से पूरी होती है. ऐसे में अगर आप बार-बार नया निवेश करते हैं, तो आपको हर बार अपनी केवाईसी नहीं करवानी पड़ती. आप म्यूचुअल फंड से लेकर अन्य डेरिवेटिव्स में निवेश भी इसी केवाईसी की दम पर कर सकते हैं.

लेकिन आपकी यही केवाईसी अन्य फाइनेंशियल काम जैसे बैंक खाता खुलवाने या बीमा खरीदने में काम नहीं आती है. सरकार इसी बैरियर को हटाना चाहती है. साल 2016 में बनी सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (CKYCR) ने केवाईसी प्रोसेस को सेंट्रलाइज्ड और आसान बनाया है, लेकिन इसमें अभी इंटर-ऑपरेबिलिटी की कमी है.

यूनिफॉर्म केवाईसी में आपके सारे केवाईसी डॉक्युमेंट बस एक बार जमा होंगे और उसके बाद आपको एक सीकेवाईसीआर आईडेंटिफिकेशन नंबर दे दिया जाएगा. ये 14 डिजिट का एक नंबर होगा. इसके बाद आप फिर दोबारा कभी भी अकाउंट खोलें, बीमा खरीदें या डीमैट अकाउंट बनाएं…आपको पूरी केवाईसी प्रोसेस के बजाय सिर्फ सीकेवाईसीआर नंबर देना होगा.

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