Explainer : शेयर बाजार और चुनाव क्यों है डर का माहौल, क्या…- भारत संपर्क

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Explainer : शेयर बाजार और चुनाव क्यों है डर का माहौल, क्या…- भारत संपर्क
Explainer : शेयर बाजार और चुनाव- क्यों है डर का माहौल, क्या सच में डरना चाहिए?

क्या शेयर बाजार के हालातों से डरने की जरूरत है?

भारत में इस समय लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनाव चल रहा है. इस दौरान जिस एक बात ने लोगों को डराया हुआ है, वह है शेयर बाजार में चल रही भारी उठा-पटक. हालात ये हैं कि बीते एक महीने में सेंसेक्स 2000 पॉइंट से ज्यादा का गोता लगा चुका है. वहीं विदेशी निवेशकों (FPI और FII) का शेयर बाजार से पैसा निकालना बदस्तूर जारी है. बाजार के इस डर की आखिर वजह क्या है? क्या एक निवेशक को इस समय डरना चाहिए और अगर नहीं तो उसके पास उपाय क्या हैं?

सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि शेयर बाजार में उठा-पटक कोई नई बात नहीं है. ये जोखिम का कारोबार है और इसमें इतना उतार-चढ़ाव चलता रहता है. एक निवेशक के तौर पर आपको ये पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में इस तरह की उठा-पटक शॉर्ट टर्म में नुकसान अवश्य पहुंचा सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में मार्केट सामान्यत: फायदा ही पहुंचाता है. आपको बस धैर्य रखना होता है. अब जानते हैं कि मौजूदा उठापटक की वजह आखिर क्या है?

शेयर बाजार और चुनाव

लोकसभा चुनाव के 4 चरणों का मतदान हो चुका है, 3 चरण का मतदान बाकी है और 4 जून को परिणाम आने वाला है. ऐसे में शेयर बाजार में मौजूदा उठापटक की एक बड़ी वजह लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर अनिश्चिता होना है. जिस तरह से चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत घटा है या मतदान कम हो रहा है, इससे बाजार में ये आशंका है कि इस बार चुनाव के बाद अगर मौजूदा सरकार लौटती भी है, तो क्या वह उतनी ही मजबूत और स्थिर होगी? इसी अनिश्चिता के चलते बाजार में निवेशक सोच-समझकर दांव लगा रहे हैं.

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इसके अलावा एक और फैक्टर बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण बन रहा है. इस बारे में मार्केट एक्सपर्ट संजीव भसीन ने एक टीवी चैनल से कहा कि चीन की इकोनॉमी री-बाउंड कर रही है. चीन में हालात सुधर रहे है. इस वजह से एफआईआई अपना निवेश चीन में दोबारा लगा रहे हैं. इसलिए भारतीय बाजारों से विदेशी पैसा निकलकर चीन के बाजार में जा रहा है. वहीं भारत में चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार की वापसी तो हो सकती है, लेकिन उसकी सीटें घटने की आशंका है. इस वजह से भी निवेशकों के बीच धारणा कमजोर है.

क्या बाजार से सच में डरने की जरूरत?

अब सवाल आता है कि क्या बाजार के इन हालात से सच में डरने की जरूरत है. इसका शानदार जवाब एक टीवी चैनल से बातचीत में शेयर मार्केट एक्सपर्ट मार्क मोबियस देते हैं. उनका कहना है कि जिन मार्केट्स को इमोशन ड्राइव करते हैं, वहां निवेशकों को ट्रेंड से उलट चलना चाहिए. जैसे भारत में चुनाव इमोशनली कनेक्टेड होते हैं और इसलिए यहां का मार्केट भी इमोशन से ड्राइव होता है. इसलिए जब मार्केट में बाइंग चल रही हो, तब आपको सेल करना चाहिए और जब सेल का माहौल हो तब बाइंग करना चाहिए. लॉन्ग टर्म में ये स्ट्रेटजी काफी काम आती है.

अब सवाल ये है कि इस टाइम पर एक इंवेस्टर को क्या करना चाहिए. इस बारे में मार्केट एक्सपर्ट पुनीत किनरा का कहना है कि शेयर मार्केट के ये हालात शॉर्ट टर्म के हैं. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद स्थिति काफी साफ हो जाएगी. तब तक निवेशक चाहें तो अपने स्टॉक को हेज कर यानी रोक कर रख सकते हैं. वहीं मार्केट में कुछ समय पहले ही निवेश शुरू करने वाले या इंवेस्ट करने जा रहे फर्स्ट टाइम इंवेस्टर्स चाहें तो लार्ज कैप स्टॉक्स से शुरुआत कर सकते हैं. ये शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट शुरू करने का सबसे अच्छा समय है. अगर शेयर मार्केट थोड़ा और गिरता है तो इंवेस्टर्स मिडकैप में भी निवेश कर सकते हैं.

डिस्क्लेमर : ये TV9 ग्रुप का ओपिनियन नहीं है. शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वह अपने फैसले किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से मशविरा करने के बाद अपने विवेक से ही करें.

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