पिटलाइन बनकर तैयार पर सुविधा व संसाधन का अभाव, अफसरों ने…- भारत संपर्क
पिटलाइन बनकर तैयार पर सुविधा व संसाधन का अभाव, अफसरों ने पिटलाइन को लेकर नहीं लिया कोई ठोस निर्णय
कोरबा। जिले में यात्री सुविधाएं लचर है। वर्ष 2012 से रेलवे स्टेशन के उरगा छोर पर पिटलाइन बनकर तैयार है। जरूरत है तो वहां सुविधा व संसाधन बढ़ाने की। प्रारंभ में सिंगल ट्रैक था अब डबल हो चुका है। 13 साल बीत चुके हैं। कई शीर्ष अधिकारी आए और चले भी गए। इतनी लंबी अवधि बीतने के बाद भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन व डिवीजन के अफसरों ने पिटलाइन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इसके चलते प्रारंभ में वहां जो सुविधाएं विकसित की गई थीं वह अब गायब हो चुकी है। चार्जिंग के लिए पिटलाइन पर बिजली के पोल, केबल, पाइंट, वाटर सप्लाई के लिए पाइपलाइन, मोटर पंप आदि दिए गए थे। दूसरा ट्रैक बिछे भी 8 साल हो गए हैं। पिटलाइन को रेलवे शुरू करेगा भी या नहीं, इसे लेकर अधिकारियों का जब भी कोरबा दौरा हुआ है नकारात्मक जवाब ही मिला है। इतना ही नहीं अलग-अलग विभागों में बैठे अलग-अलग अधिकारियों को पिटलाइन की वास्तविक स्थिति तक की जानकारी नहीं रहती है। कोई आज भी अधूरा बताते हैं तो कोई अधिकारी अन्य कारण बताकर टाल जाता है। इन सबसे अलग एसईसीआर के नए जीएम राजमल खोईवाल बीते माह कोरबा आए तो उन्होंने सीधे-सीधे कह दिया कि यह रेलवे बोर्ड का मामला, वे इस पर कुछ नहीं कह सकते। सबसे अधिक परेशानी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के यात्रियों को होती है। यह गाड़ी अमृतसर से चलकर आज भी बिलासपुर तक ही आ रही है। इस गाड़ी के यहां नहीं आने के पीछे सबसे बड़ी बाधा पिटलाइन का शुरू नहीं हो पाना है। यह गाड़ी यहां से अमृतसर के लिए तो चलती है लेकिन वापसी में नहीं। जिसके कारण अमृतसर से कोरबा आने वाले यात्रियों को बिलासपुर सुबह 10.55 बजे पहुंचने के बाद कोरबा आने के लिए कोई साधन नहीं मिलता है। कोरबा रेलवे स्टेशन की पिटलाइन से शिवनाथ एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, हसदेव एक्सप्रेस का प्राइमरी व सेकेंडरी मेंटेनेंस हो सकता है। साथ ही 4 जोड़ी मेमू पैसेंजर गाडिय़ों की भी वाशिंग व वाटरिंग कराई जा सकती है। सफाई के मामले में सबसे गंदी स्थिति मेमू पैसेंजर ट्रेनों में रहती है। इस गाड़ी में सफर करने वाले यात्रियों को साफ सफाई के अभाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक मात्र द्वि-साप्ताहिक कोचुवेलि सुपरफास्ट एक्सप्रेस का जरूर मेंटेनेंस किया जा रहा है।