पोला पर किसानों ने की मिट्टी के बैलों की पूजा-अर्चना- भारत संपर्क

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पोला पर किसानों ने की मिट्टी के बैलों की पूजा-अर्चना

कोरबा। लोक परंपरा का पर्व पोला सोमवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। खासकर ग्रामीण अंचलों में पर्व को लेकर खासी रौनक रही। खेती-किसानी में बैल का विशेष योगदान होता है। इसलिए किसानों ने बैलों की पूजा-अर्चना कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। इसे लेकर गांव से लेकर शहर में किसान और बच्चों में खासा उत्साह रहा।भादो के अमावस्या के दिन लोकपर्व पोला मनाया जाता है। इस बार त्योहार सोमवार को मनाई गई। इसे लेकर घर-घर में गाय और बैलों को सजाने की तैयारी में जुटे रहे। सोमवार को गाय और बैलों की विशेष पूजा-अर्चना कर खेती कार्य में योगदान देने के लिए कृतज्ञता प्रकट की गई। वहीं घर-घर में मिट्टी के बैल, जाता, बढ़ाई, चूल्हा सहित अन्य खिलौने वाली बर्तनों की पूजा-अर्चना की गई। ईश्वर से खेतों में अच्छी फसल और बेहतर उत्पादन की कामना की गई। पर्व को लेकर बच्चों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। पोला पर्व पर मिट्टी से बर्तनों के खिलौनों की मांग अधिक रही। बाजार में 100 रुपए से लेकर 150 रुपए जोड़ी के दर से मिट्टी के बैल बिका। कुहारों की ओर से मिट्टी के बैल को अलग-अलग रंग से सुसज्जित किया गया था। यह बच्चों को खूब आकर्षित कर रही थी। इसके लिए शहरी क्षेत्र के बुधवारी, कोसाबाड़ी, मुड़ापार, इतवारी, सीतामणी, बालकोनगर, कटघोरा सहित अन्य उप नगरीय क्षेत्रों में चहल-पहल रही। पर्व के प्रति शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह अधिक देखा गया।पोला पर्व पर किसानों के द्वारा बैल को फूल की माला, वस्त्र सहित अन्य सजावटी सामाग्रियों से सुसज्जित किया गया। यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। कई स्थानों पर बैल दौड़ सहित विविध आयोजन भी किए गए।

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