MP में खाद के लिए मारामारी! सुबह 3 बजे पहुंचे किसान,12 घंटे बाद आया नंबर; ह… – भारत संपर्क
किसानों में धक्का मुक्की
शिवपुरी जिले के कोलारस और बदरवास क्षेत्र में शनिवार को खाद के टोकन वितरण और खाद वितरण के दौरान जमकर धक्का मुक्की हुई और हाथापाई तक नौबत आ गई. किसानों की हालत यह थी कि हर कोई लाइन में पहले नंबर पर लगना चाहता था. यह एक दिन की बात नहीं है, ऐसे हालात लगभग हर रोज रहते हैं. इसकी अहम वजह खाद की मांग की अपेक्षा आपूर्ति में कमी होना बताया जा रहा है. इस मामले में जब बदरवास एसएडीओ कल्ले कोहली से बात की गई तो उनका कहना था कि कोलारस और बदरवास में नवंबर महीने में अलग-अलग 600-600 एमटी खाद की जरूरत थी, जबकि इसके बदले में सिर्फ 50-50 एमटी खाद सप्लाई हुआ है.
वहीं इस समय किसानों को खाद की ज्यादा जरूरत है. ऐसे में किसान किसी भी हालत में खाद चाहते हैं फिर इसे पाने के लिए उन्हें चाहे कुछ करना पड़े. यही वजह है कि टोकन वितरण और खाद वितरण के समय किसानों में कहासुनी और धक्का मुक्की की स्थिति पैदा हो जा रही है. उनके मुताबिक उन्होंने जिला स्तर पर हालातों से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवा कर आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है. उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें और खाद मुहैया हो जाएगा, जिससे किसानों को भी राहत मिलेगी.
बाकी विकास खंडों के हालात
बात अगर जिले के दूसरे विकास खंडों की करें तो वहां भी खाद के टोकन और खाद वितरण को लेकर यही हालात बने हुए हैं. स्थिति यह है कि लोग वहां भी खाद का टोकन और खाद पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, जो हालात बदरवास और कोलारस के हैं. लगभग यही हालात पूरे जिले में हैं. खाद की किल्लत के चलते हालात यह हैं कि किसान आधी रात से आकर टोकन की लाइन में लग जाते हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द टोकन मिल सके, भूख लगने पर किसान खाना खाने के लिए और प्यास लगने पर पानी पीने तक के लिए कोई किसान लाइन से नहीं निकल रहा है. इतना सब होने के बावजूद भी किसान को खाद नहीं मिल पा रहा है. कुछ किसान तो दो से तीन दिन से खाद वितरण केंद्र पर ही डेरा डाले हुए हैं.
जिले में खाद की उपलब्धता
1 अक्टूबर से लेकर 8 नवंबर तक के मौजूद डाटा के मुताबिक जिले में यूरिया की मांग 45000 है. वहीं उपलब्धता सिर्फ 23029 इसमें से 10741 का वितरण है और 12288 शेष है, डीएपी की मांग 25500 है. वहीं उपलब्धता सिर्फ 8087 इसमें से 7488 का वितरण है और 599 शेष है, एसएसपी की मांग 12850 है. वहीं उपलब्धता 18707 इसमें से 3158 का वितरण है और 15549 शेष है, NPK की मांग 16000 है. वहीं उपलब्धता 11893 इसमें से 8232 का वितरण है और 3661 शेष है और MOP की मांग 250 है. वहीं उपलब्धता 709 इसमें से 148 का वितरण है और 561 शेष है
क्या बोले किसान?
किसान उधम सिंह ने कहा कि खाद के लिए हम लोग गांव से दो दिन पहले निकले हैं, हालात यह हैं कि अभी तक खाद का टोकन तक नहीं मिला है. खाद तो बहुत दूर की बात है. लाइन में लगे-लगे पूरा दिन निकल जाता है, न तो हम खाने जा पा रहे हैं और न ही पानी पी पा रहे हैं.