आखिरकार कांग्रेस की मुहिम ने लाया रंग , फर्जी…- भारत संपर्क


बिलासपुर, 20 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की वर्ष 2006 में हुई संदिग्ध मृत्यु के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अब इस मामले में अपोलो अस्पताल बिलासपुर और वहां के तत्कालीन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
स्वर्गीय शुक्ल के पुत्र डॉ. प्रदीप शुक्ल द्वारा थाना सरकंडा में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके पिता को 2 अगस्त 2006 को सांस लेने में तकलीफ के चलते अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव द्वारा उनका एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी किया गया। ऑपरेशन के कुछ घंटों के भीतर ही उनकी तबीयत बिगड़ गई और 18 दिनों तक ICU में रखने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।
शिकायत के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन द्वारा मामले को दबा दिया गया और छत्तीसगढ़ विधानसभा से उपचार के नाम पर 20 लाख रुपये भी लिए गए।
हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का कार्डियोलॉजिस्ट का डिग्री फर्जी था और वह वर्तमान में “डॉ. नरेंद्र जॉन केम” के नाम से दमोह के मिशन अस्पताल में कार्यरत था। वहां भी उसके इलाज से कई मरीजों की मौत होने के बाद मामला उजागर हुआ और उसे गिरफ्तार किया गया।
जांच में पाया गया कि न केवल डॉ. यादव की डिग्री फर्जी थी बल्कि उसका इंडियन मेडिकल काउंसिल और छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में कोई पंजीयन भी नहीं था। इसके बावजूद अपोलो प्रबंधन ने बिना किसी वैध जांच के उसे गंभीर हृदय रोगियों के इलाज की जिम्मेदारी दे दी।
पुलिस ने इस मामले को साधारण चिकित्सकीय लापरवाही न मानते हुए इसे “अपराधिक मानव वध” करार दिया है। अब डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 IPC के तहत अपराध क्रमांक 563/2025 में मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह मामला प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था की गंभीर खामियों और लापरवाही की एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आया है।
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