फिनटेक कंपनियों ने सीईओज से मुलाकात करेंगी वित्तमंत्री…- भारत संपर्क
26 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फिनटेक कंपनियों के साथ मीटिंग करेंगी. Image Credit source: PTI
रिजर्व बैंक के साथ केंद्र सरकार भी पेटीएम क्राइसिस पर काफी सीरियस है. पेटीएम की ओर से नियमों का पालन ना करने करने को लेकर कार्रवाई हुई है. आरबीआई इस मामले में पूरी तरह से सख्त है. सरकार भी इस मामले में कोई कोताही बरतने को तैयार नहीं है. दूसरी ओर देश की दूसरी फिनटेक कंपनियों में भी काफी डर समा गया है. हर किसी के दिमाग में यही बात घूम रही है कि अब किसी और फिनटेक कंपनी का तो नंबर नहीं है? यही कारण है कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सभी फिनटेक कंपनियों के हेड के साथ मीटिंग करने का फैसला किया है. इस मीटिंग में आरबीआई के टॉप ऑफिशियल भी मौजूद रहेंगे. यह बैठक फिनटेक उद्योग को आश्वस्त करने के लिए बुलाई गई है कि यह क्षेत्र सरकार के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बना हुआ है और आरबीआई की कार्रवाई के मद्देनजर किसी भी चिंता को दूर किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने इसलिए बुलाई मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट में सरकार के टॉप ऑफिशियल ने नाम ना बताते हुए कहा कि इस मीटिंग में इस बात को समझने की कोशिश की जाएगी कि आखिर फिनटेक कंपनियों के अंदर किस बात का डर समाया हुआ है. साथ उन लोगों को पूरी तरह से आश्वस्त करना है और उनके अंदर के डर को निकालना है. वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अधिकारी अगले सोमवार को होने वाली बैठक में भाग लेंगे. फिनटेक और फिनटेक में इनोवेशन सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं और डिजिटल पेमेंट इसके सोशल सेक्टर के प्रोग्राम का मेन बेस है. सरकार फिनटेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक स्ट्रांग मैसेज भेजने के लिए उत्सुक है कि यह सेक्टर सरकार के लिए प्रायोरिटी वाला बना हुआ है. उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने फिनटेक सेक्टर में रेगुलेशन के उल्लंघन से चल रहे इपोवेशन के बारे में बढ़ती चिंताओं की ओर इशारा किया है.
पेटीएम पर लिया गया था ये एक्शन
31 जनवरी को जारी एक आदेश में, आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), आईएमपीएस, आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम, साथ ही बिल पेमेंट ट्रांजेक्शन सहित सभी प्लेटफार्म्स और टेक रेलरोड्स के माध्यम से सभी बेसिक पेमेंट सर्विसेज को बंद करने का निर्देश दिया. जिसे पहले 29 फरवरी से प्रभावी किया गया था. बाद में इसकी डेट को आगे खिसकाकर 15 मार्च कर दिया गया. साथ ही आरबीआई की ओर से पेटीएम को लेकर एक एफएक्यू भी जारी किया गया. 2018 के बाद से पेटीएम के खिलाफ यह तीसरी रेगुलेटरी एक्शन था.
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स्टार्टअप फाउंडर्स ने की थी ये डिमांड
इसके बाद, स्टार्टअप फाउंडर्स के एक समूह ने पेटीएम क्राइसिस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर अधिकारियों से रेगुलेटरी डायरेटिक्व की “समीक्षा” और “पुनर्विचार” करने का आग्रह किया. 16 फरवरी को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कस्टमर्स को सामान्य बैंकिंग सेवाओं पर 15 मार्च तक दो सप्ताह की समय सीमा बढ़ाने की अनुमति दी थी. नोट पर पॉलिसीबाजार के यशीश दहिया, भारत मैट्रिमोनी के मुरुगावेल जानकीरमन, मेकमाईट्रिप के राजेश मागो और इनोव8 के रितेश मलिक सहित कई फाउंडर्स द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. इसमें कहा गया है कि आरबीआई के डायरेक्टिव का सिर्फ पेटीएम पर ही नहीं, बल्कि इकोसिस्टम पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.